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नागपुर. दिसंबर के अंतिम सप्ताह में ब्रिटेन से आने वाले लोगों में कोरोना संक्रमण के बाद प्रशासन की चिंता बढ़ गई थी. सरकार द्वारा जारी नई गाइडलाइन के बाद सभी मरीजों को मेडिकल में पेइंग वार्ड में रखा गया. पश्चात प्रशासन के आदेश के बाद 40 बेड वाले नये वार्ड की तैयारी भी शुरू हो गई. 8 मरीजों को नये स्ट्रेन के संदेह पर भर्ती किया गया था. इनमें से 4 मरीजों की पुणे की प्रयोगशाला से रिपोर्ट निगेटिव आई. लेकिन अन्य 4 मरीजों की रिपोर्ट अब तक नहीं मिली. तय समय से अधिक दिनों तक भर्ती होने और कोविड रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी उन्हें भी छुट्टी दे दी गई.

कोरोना के नये स्ट्रेन के आशंका वाले मरीजों को मेडिकल के विशेष वार्ड में भर्ती किया गया था, जिनमें से कुछ पहले डिस्चार्ज हो गए थे. मंगलवार को शेष बचे 4 लोगों को भी डिस्चार्ज कर दिया गया. इन 4 लोगों की रिपोर्ट अब तक नहीं आई है. मेडिकल प्रशासन द्वारा पुणे की प्रयोगशाला से संपर्क भी किया गया.

लेकिन कोविड निगेटिव आने और मरीजों की हालत सामान्य होने के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई. दरअसल नये स्ट्रेन की जांच पुणे की राष्ट्रीय प्रयोगशाला में होती है. भर्ती किये जाने के बाद मरीजों की कोविड रिपोर्ट निगेटिव आने के साथ ही उनके स्वास्थ्य में सुधार होने लगा था, लेकिन प्रशासन रिपोर्ट की प्रतीक्षा कर रहा था.

टेस्टिंग कम फिर भी मरीज अधिक

इस बीच कोरोना टेस्टिंग में एक बार फिर कमी आई गई है. मंगलवार को 3,425 लोगों की जांच की गई. इनमें 339 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई. यदि टेस्टिंग 4,000 से अधिक होती तो संक्रामकों की संख्या भी बढ़ती. इसका मतलब सीधा है कि अब भी जिले में कोरोना का संक्रमण कम नहीं हुआ है. हालांकि सितंबर जैसी स्थिति नहीं है, लेकिन कोरोना की चेन टूट भी नहीं रही है. इस बीच 24 घंटे के भीतर 8 मरीजों की मौत हो गई. इसके साथ ही अब तक कुल 4,035 लोगों की जान जा चुकी है. वहीं 360 मरीजों को ठीक होने के बाद छुट्टी दी गई. इसके साथ ही अब तक 1,20,190 लोग ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं.