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  • छात्रों के लिए सिरदर्द बनी आनलाइन परीक्षा

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नागपुर. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की सिफारिश के बाद जब सुप्रीम कोर्ट ने अंतिम वर्ष की ऑनलाइन परीक्षा लेने के संबंध में आदेश जारी किया तो विवि प्रशासन ने पूरी तरह तैयार होने का दावा किया था. विवि ने परीक्षा ऐप तैयार कर मॉक टेस्ट भी लिया. लेकिन एक दिन में चार पेपर लेने का फैसला विवि पर ही भारी पड़ गया. अति आत्मविश्वास के बीच लिये गये इस फैसले ने छात्रों का सिरदर्द बढ़ा दिया है. स्थिति यह हो गई है कि कभी नेटवर्क तो कभी एेप में गडबडी की वजह से छात्रों को परीक्षा से वंचित रहना पड़ रहा है.

विवि द्वारा दिनभर में चार पेपर लिये जा रहे है. 50 अंकों की परीक्षा होने के कारण विवि ने 1 घंटे का समय रखा है. सुबह 9.30 बजे से शुरू होने वाली परीक्षा शाम 4.30 बजे तक चलती है. दरअसल विवि ने परीक्षाएं जल्दी निपटाने के लिए एक दिन में चार पेपर लेने का निर्णय लिया था, लेकिन ऐप की क्षमता सपोर्ट नहीं कर रही है. यही वजह है कि कभी परीक्षा से पहले छात्र लागिंन नहीं कर पाते तो कभी उत्तर सबमिट नहीं होते. हालांकि विवि प्रशासन कह चुका है कि उत्तर आटोमैटिक सबमिट होते हैं, लेकिन विवि द्वारा इस संबंध में अधिकृत जानकारी छात्रों को नहीं दी गई है. 

आज दोबारा पेपर

जानकार मानते हैं कि विवि द्वारा एक दिन में दो ही पेपर लिये जाने थे. साथ ही रविवार और अवकाश के दिन भी पेपर लिये जा सकते थे. गुरुवार को भी सुबह 9.30 बजे से परीक्षा आरंभ हुई, लेकिन नेटवर्क में खराबी की वजह से सर्वर ही स्लो हो गया. कई छात्रों के प्रश्न पत्र ही नहीं खुल पाये. हेल्पलाइन पर संपर्क करने पर बताया गया कि नेटवर्क की समस्या की वजह से दिक्कतें आ रही है. छात्रों ने जैसे-तैसे परीक्षा दी. लेकिन दोपहर 3.30  से शाम 4.30 बजे की शिफ्ट में होने वाले सभी पेपर को दोबारा शुक्रवार की सुबह 9.30 बजे से लेने का निर्णय लिया गया है. इनमें फार्मेसी, बीएफडी और बीटीडी विषयों की परीक्षा का समावेश है. 

स्कूलों की ऑनलाइन क्लासेस में भी परेशानी 

नेटवर्क में गडबडी की वजह से स्कूलों द्वारा ली जाने वाली ऑनलाइन क्लासेस में भी छात्रों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा. सुबह के वक्त नेटवर्क नहीं मिलने से छात्र एक से दूसरी जगह होते नजर आये. कई छात्रों ने नेटवर्क नहीं मिलने की वजह से क्लासेस ही नहीं की. कुछ देर बाद नेटवर्क आने से फिर क्लासेस अटेंड कर सके.