Nitin Gadkari

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नागपुर. स्मार्ट सिटी के बोर्ड आफ डायरेक्टर की बैठक के बिना ही आयुक्त द्वारा स्वयं को सीईओ घोषित किए जाने तथा स्मार्ट सिटी के ठेकेदार को बिल की अदायगी किए जाने पर महापौर संदीप जोशी की ओर से आपत्ति जताई गई. यहां तक कि इसे वित्तिय धांधली करार देते हुए पुलिस में शिकायत भी दर्ज की गई. किंतु किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं होने पर अब केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से शिकायत करने के बाद उन्होंने भी मुंढे के खिलाफ मोर्चा खोलकर संबंधित केंद्रीय मंत्रालय को पत्र भेजकर सम्पूर्ण मामले की जांच कर कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया. स्मार्ट सिटी को लेकर आयुक्त और सत्तापक्ष के बीच शुरू हुई इस लड़ाई में गडकरी के शामिल होने से पूरे मामले को नया मोड आ गया है. यहां तक कि अब मुंढे के खिलाफ कार्रवाई होने की संभावना भी जताई जा रही है.

असंवैधानिक ढंग से सीईओ पद पर कब्जा
केंद्रीय मंत्री जीतेन्द्र सिंह और हरदीप पूरी को भेजे गए पत्र में उन्होंने कहा कि 28 जनवरी 2020 को आयुक्त का पदभार लेने के बाद मुंढे ने गैरकानूनी और असंवैधानिक ढंग से स्मार्ट सिटी के सीईओ पद पर कब्जा कर लिया. 1 जुलाई 2016 को स्पेशल पर्पज वेहिकल के रूप में नागपुर स्मार्ट एंड सस्टेनेबल सिटी डेवलपमेंट कार्पोरेशन कम्पनी का गठन किया गया था. मनपा और राज्य सरकार की 50-50 प्रतिशत की हिस्सेदारी की यह संयुक्त कम्पनी है. 18 जून 2016 के राज्य सरकार के आदेशों के अनुसार इसका गठन किया गया. जीआर के अनुसार मनपा आयुक्त नामनियुक्त संचालक होता है. जबकि सीईओ कार्यकारी संचालक के रूप में नियुक्त होता है. 

बोर्ड की बैठक में सीईओ की नियुक्ति का प्रावधान
गडकरी ने कहा कि 31 दिसंबर 2019 से बोर्ड की बैठक नहीं हुई है. 11 फरवरी 2020 को उस समय के सीईओ रामनाथ सोनवने ने इस पद से इस्तीफा दिया. कम्पनी एक्ट 2013 की धारा 203 के अनुसार सीईओ की नियुक्ति बोर्ड आफ डायरेक्टर्स की बैठक में ही होना चाहिए. इस संदर्भ में आयुक्त मुंढे लगातार स्मार्ट सिटी के चेअरमन प्रवीणसिंह परदेसी द्वारा उन्हें नियुक्त किए जाने का हवाला दे रहे हैं. जबकि चेअरमन को भी सीईओ नियुक्ति के अधिकार नहीं है.

इसका अधिकार केवल बोर्ड आफ डायरेक्टर्स को ही है. सीईओ का पद हथियाने के बाद मुंढे ने बोर्ड आफ डायरेक्टर्स द्वारा लिए गए कई फैसलों को पलट दिया है. यहां तक कि स्वीकृत किए गए टेंडर और कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का निर्णय भी लिया. पूरे मामले को लेकर स्मार्ट सिटी के संचालक एवं महापौर की ओर से पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई गई है. अत: मनपा आयुक्त के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का अनुरोध भी उन्होंने किया.