Ignoring social distancing rules, city citizens are not serious

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नागपुर. बीते 70 दिनों से भी अधिक समय से अपने घरों में कैद शहरवासियों को लॉकडाउन-4 की अवधि खत्म होने का इंतजार बेसब्री से था. उम्मीद थी कि अब सरकार पूरी तरह छूट देगी. केन्द्र सरकार ने तो काफी ढील दी, लेकिन राज्य सरकार के निर्देशों पर नगर प्रशासन ने लॉकडाउन-4 जैसी ही स्थिति बनाए रखने की घोषणा कर दी.

हालांकि इसका असर 1 जून को सिटी की सड़कों पर नजर नहीं आया. बड़े पैमाने पर वीरान-सी रहने वाली सड़कों पर वाहन बड़ी संख्या में नजर आए. लोग घरों से बाहर निकले जिसके चलते सड़कों पर हलचल बढ़ गई. बाजार परिसर में भी बीते दिनों की अपेक्षा बड़े पैमाने पर लोग नजर आए. कोरोना संक्रमण के बचने के लिए अब लोग खुद ही सोशल डिस्टेंसिंग व अन्य उपाययोजना का पालन करते हुए दिनचर्या को पूर्ववत करने के पक्ष में नजर आ रहे हैं, क्योंकि लोगों की अब समझ में आ गया है कि कोरोना के साथ ही तब तक खुद को बचाते हुए जीना है, जब तक कि इसकी कोई वैक्सीन या दवा नहीं आ जाती. तब तक घरों में कैद रहना, कारोबार बंद रखना, उद्योग बंद रखना आदि संभव नहीं हो पाएगा.

बाजार पहुंचे मगर…
जून की पहली तारीख को सिटी के बाजार परिसरों में सुबह से ही भीड़ नजर आई. महल, सदर व सीताबर्डी बाजार में कुछ दूकानें खोली भी गईं लेकिन कुछ ही समय के बाद मनपा के दस्तों ने खुली दूकानों को बंद करवा दिया. कुछ दूकानदारों के खिलाफ जुर्माना की कार्रवाई भी की गई. इतवारी व महल पूरी तरह बंद रहा. सीताबर्डी में सुबह कुछ फुटपाथ विक्रेता भी दूकान सजाने पहुंचे थे, लेकिन उन्हें दस्ते ने भगा दिया. सदर मार्केट भी पूरी तरह बंद रहा, लेकिन लोग बड़े पैमाने पर बाजार परिसर में पहुंचे जिसके चलते काफी हलचल रही.

फुटाला में रौनक
बीते 2 महीने से भी अधिक समय से वीरान पड़े फुटाला लेक परिसर की रौनक भी कुछ वापस लौटती नजर आई. मौसम ने भी साथ दिया. सुबह से लेकर शाम तक सूरजदेव के दर्शन नहीं हुए. बारिश के चलते मौसम सुहाना हो गया और लॉकडाउन से भी राहत की खबर ने युवाओं का उत्साह बढ़ा दिया. पुलिस की भी पहले की तरह सख्ती नहीं होने से युवाओं को सबसे पसंदीदा फुटाला लेक परिसर में बड़ी संख्या में देखा गया. कुछ लोग तो परिवार के साथ भी घूमने को निकले. बच्चों व महिलाओं ने काफी दिनों के बाद सिटी में तफरीह का आनंद उठाया.