Goa Rain Updates : Flood like situation in some parts due to heavy rains in Goa, water level of rivers have increased
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    • अंतरराज्यीय समन्वय समिति की बैठक विभागीय आयुक्त ने कहा

    नागपुर. मध्य प्रदेश और तेलंगाना राज्य से बहने वाली प्रमुख नदियों की बाढ़ के कारण महाराष्ट्र में जान-माल के नुकसान को रोकने के लिए अंतरराज्यीय समन्वय समिति की बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में विभागीय आयुक्त प्राजक्ता लवंगारे-वर्मा ने भी बैठक में हिस्सा लिया.

    उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में संबंधित जिले के जिला प्रशासन ने चौराई, बावनथड़ी और संजय सरोवर जैसी प्रमुख परियोजनाओं से पानी छोड़ने से 24 घंटे पहले अग्रिम सूचना देनी चाहिए. साथ ही नागपुर, गोंदिया, भंडारा और गढ़चिरोली जिला प्रशासन को नदी के किनारे प्रभावित गांवों के लिए पूर्व चेतावनी प्रणाली को मजबूत करने का निर्देश दिये.

    विभागीय आयुक्त लंवगारे ने बैठक की अध्यक्षता की. इस ऑनलाइन बैठक में जबलपुर के विभागीय आयुक्त बी. चंद्रशेखर,  तेलंगाना स्थित कालेश्वर प्रकल्प के मुख्य अभियंता तिरुपति राव, नागपुर विभाग के सभी जिलधिकारियों के अलावा मप्र के छिंदवाड़ा, सिवनी, बालाघाट आदि जिलों के जिलाधिकारी, वैनगंगा नदी घाटी प्रशासक तथा अधीक्षक अभियंता जेजी गवई, चंद्रपुर के अधीक्षक अभियंता पी. एन. पाटिल, भंडारा के आईजी पराते और नागपुर की अंकुर देसाई व सहारे आदि की उपस्थिति रही. 

    स्थायी समन्वय की जरूरत

    उन्होंने कहा कि वैनगंगा, वर्धा और उनकी सहायक नदियां नागपुर डिवीजन में बाढ़ का खतरा पैदा करती हैं और इन नदियों पर परियोजना अधिक वर्षा में बड़ी मात्रा में पानी छोड़ती है. अतिवृष्टि और बाढ़ के कारण विभाग के कई गांव बाधित होते हैं. इसलिए अतिवृष्टि का पानी छोड़ने से पहले मध्य प्रदेश व महाराष्ट्र के अधिकारियों के बीच स्थायी समन्वय की जरूरत है.

    उन्होंने कहा कि संबंधित जिले के रेसिडेंट डिप्टी कलेक्टर को बाढ़ जोखिम की स्थिति के अनुसार जनता को सतर्क करना चाहिए. साथ ही अन्य जिला कलेक्टरों को भी संबंधित को अग्रिम सूचना देनी चाहिए. दोनों राज्यों के अधिकारी भारी बारिश के कारण परियोजना में वृद्धि और परियोजना के बंद होने के बारे में वाट्सएप के माध्यम से संदेशों का आदान-प्रदान करते हैं.

    हालांकि भारी बारिश की स्थिति में सीधे संपर्क किया जाए और बाढ़ की स्थिति की जानकारी जिला प्रशासन के साथ प्रभावित गांवों तक पहुंचाई जाए. इसके लिए केंद्रीय जल आयोग, जल संसाधन और संबंधित एजेंसियों को और अधिक समन्वय बनाकर बाढ़ की स्थिति की पूर्व चेतावनी की व्यवस्था 24 घंटे पहले से करनी चाहिए.

    हर घंटे जानकारी शेयर करने का हो सिस्टम 

    केंद्रीय जल आयोग और जल संसाधन विभाग द्वारा वैनगंगा और वर्धा नदियों पर पिछली बाढ़ को रोकने के साथ-साथ उनसे हुई क्षति को रोकने के लिए किए जाने वाले उपायों पर बोलते हुए, संभागीय आयुक्त ने कहा कि परियोजना के जलग्रहण क्षेत्र में हुई वर्षा, परियोजना के जल स्तर के साथ-साथ मौसम विभाग द्वारा अधिक वर्षा की सूचना के संबंध में पूरी जानकारी सभी संबंधित एजेंसियों को देने की व्यवस्था की जाये.

    हर घंटे के आधार पर यह जानकारी प्रदान करने से सभी सिस्टम सतर्क रह सकेंगे और आगे की कार्रवाई कर सकेंगे. दोनों राज्य एक दूसरे को बावनथड़ी और चौराई परियोजनाओं के जलग्रहण क्षेत्र में रोजाना होने वाली बारिश की भी जानकारी दें. नागपुर मंडल के जिला कलेक्टर विमला आर. ने बैठक में कहा कि नदी किनारे के गांवों में बाढ़ की स्थिति, वित्त और जनहानि को रोकने के लिए व्यवस्था की गई है.

    परियोजना से अधिक वर्षा, बाढ़ की स्थिति और बाढ़ के पानी की निकासी के बारे में जानकारी प्रदान करने के लिए प्रणाली को और अधिक सक्षम बनाया गया है. इसलिए 24 घंटे पहले ही अतिवृष्टि और बाढ़ आदि की सूचना दे दी जायेगी. बैठक में मप्र के जिलों के कलेक्टरों ने भी अपनी ओर से जारी तैयारियों की जानकारी दी औ नागपुर जिले को पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया.