Goods train derails near Mumbai, efforts are on to bring train coach back on track
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  • कोरोना की रफ्तार तय करेगा अंतिम फैसला

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नागपुर. कोरोना संक्रमण के कारण देश की अर्थव्यवस्था की रीढ कहे जाने वाली भारतीय रेल इन दिनों अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है. हाल यह है कि इस बार रेलवे ने पिछले 10 वर्षों में आय के सबसे निचले स्तर को भी छू लिया. हालांकि रेलवे और रेलवे बोर्ड को उम्मीद है कि जल्द ही हालात सुधरेंगे और वर्ष 2021 के फरवरी माह से लगभग सभी नियमित यात्री ट्रेनों को दोबारा पटरी पर लाया जा सकेगा.

यह संभावना वर्तमान में कोरोना संक्रमण के प्रसार के घटते असर पर जताई जा रही है. हालांकि फरवरी में पूरी ट्रेनें शुरू करने का निर्णय भी कोरोना के प्रभाव पर ही करेगा. मिली जानकारी के अनुसार, कोरोना महामारी का प्रकोप कम होते ही रेलवे सभी ट्रेनों के संचालन के लिए रेलवे बोर्ड को प्रस्ताव बनाकर भेज देगा. बोर्ड से अनुमति मिलने के बाद सभी यात्री ट्रेनें फिर से शुरू हो सकेंगी.

पूरा देश का खुला गया तो रेलवे बंद क्यों

कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए 23 मार्च से लगे ऐतिहासिक लाकडाउन के बाद अब देश भी लगभग पूरी तरह से अनलॉक हो चुका है. जानलेवा कोरोना पर भी काफी हद तक काबू पाया जा चुका है और मरीजों की संख्या में तेजी से गिरावट दर्ज की जा रही है. ऐसे में सभी शासकीय कार्यालयों में कामकाज शुरू हो चुका है. साथ ही प्राइवेट सेक्टर भी अपनी नई व्यवस्था के साथ पूरी तरह से सक्रिय हो गये हैं. ऐसे में रेल अधिकारियों की मानें तो वर्तमान हालात के हिसाब से रेलवे को पूरी तरह पूर्ववत स्थिति में आने में करीब 2 से 3 माह का समय लग सकता है. 

बोर्ड पर निर्णय निर्भर

मध्य रेल नागपुर मंडल के सहायक वाणिज्यक मंडल प्रबंधक एसजी राव ने बताया कि वर्तमान समय में नागपुर स्टेशन से 20 से अधिक स्पेशल ट्रेनें गुजर रही हैं. वहीं, पूरे मंडल से गुजरने वाली ट्रेनों की संख्या … है. उन्होंने कहा कि सभी ट्रेनों को शुरू करने का निर्णय बोर्ड करेगा. हालात सामान्य होते ही रेलवे सभी ट्रेनों का संचालन प्रारंभ कर सकेगा.

हजारों यात्रियों को मिलेगा लाभ

उल्लेखनीय है कि वर्तमान में देशभर में 700 से अधिक स्पेशल व फेस्टीवल स्पेशल ट्रेनें संचालित की जा रही है. इनमें से करीब 50 प्रतिशत ट्रेनों में लंबी वेटिंग लिस्ट है जबकि बाकी 50 प्रतिशत ट्रेनें अब भी खाली है. दूसरी तरफ, वर्तमान में जितनी भी ट्रेनें चल रही हैं, उनमें सामान्य कोच नहीं है. इस कारण जिस व्यक्ति को यात्रा करनी है, उसे अपना आरक्षण कराना पड़ रहा है. यात्रियों की संख्या अधिक होने एवं ट्रेनों का संचालन कम होने के कारण वर्तमान में कई ट्रेनें जैसे पटना एक्सप्रेस, सिंकदराबाद एक्सप्रेस, हावड़ा-अहमदाबाद-हावड़ा एक्सप्रेस, पुणे-हटिया-पुणे आदि स्पेशल ट्रेनों में लंबी वेटिंग जारी है.