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नागपुर. मनपा के गलियारों में उस समय अधिकारियों में हडकम्प मच गया, जब अनेक वर्षों से एक ही जगह पर बने इंजीनियरों के तबादलों को लेकर मनपा आयुक्त मुंढे की ओर से आदेश जारी किए गए. जारी किए गए आदेशों में जहां 12 उपअभियंताओं का समावेश है, वहीं जिन इंजीनियरों के पास कार्यकारी अभियंताओं का प्रभार था, उसे भी कम कर दूसरों को जिम्मेदारी सौंपी गई.

आलम यह है कि आयुक्त की ओर से जारी किए गए आदेशों में तुरंत प्रभाव से नई जिम्मेदारियों को स्वीकार करने की हिदायत दी गई. साथ ही आदेश रद्द करने के लिए किसी तरह का दबाव लाने का प्रयास होने पर इसे अनुशासहिन करार देकर कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी गई.

पदभार से किया मुक्त
आदेशों के अनुसार धरमपेठ जोन के उपअभियंता पी.एम. आगरकर से पदभार निकालकर उपअभियंता अनिल गेडाम को सौंपा गया. साथ ही गेडाम को धरमपेठ जोन में कार्यकारी अभियंता पद का अतिरिक्त कार्यभार भी सौंपा गया है. इसी तरह उपअभियंता रवीन्द्र बुधाडे के पास से जोन 6 के कार्यकारी अभियंता का प्रभार निकालकर जोन 5 के कार्यकारी अभियंता धनंजय मेंडूलकर को सौंपा गया है. उपअभियंता एस.आर. गजभिए से कार्यकारी अभियंता का पदभार निकालकर जोन 4 के उपअभियंता यु.वी. धनविजय को  सौंपा गया.

आदेशों के अनुसार तबादलों में 21 कनिष्ठ अभियंताओं के भी विभाग अंतर्गत तबादले किए गए. इसी तरह 33 स्थापत्य अभियांत्रिकी सहायकों के भी तबादले किए गए. पहली बार इतनी बड़ी मात्रा में इंजीनियरों के तबादले किए गए. जबकि इंजीनियर कई वर्षों से एक ही जोन और एक ही विभाग में कार्यरत है. हालांकि कई बार तबादलों का प्रयास तो हुआ, लेकिन दबाव बनाकर इसे रद्द भी किया गया.