नाशिक में निवेश हुआ ‘बीएचआर’ का पैसा !

  • नाशिक बना बीएचआर घोटाले का उपकेंद्र

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नाशिक. जलगांव के बीएचआर मल्टिस्टेट सोसाइटी घोटाले के पैसों के नाशिक कनेक्शन को लेकर जोरदार चर्चा सुनने को मिल रही है. कहा जा रहा है कि घोटाले के संदिद्ध आरोपी सुनील झंवर ने नाशिक महानगर पालिका सहित समृद्धि महामार्ग के कार्य में बड़े पैमाने पर निवेश किया है.

‘बीएचआर’ का पैसा नाशिक में निवेश करने का संदेह है, जिसे ध्यान में रखकर पुणे अपराध शाखा ने जांच की गति  बढ़ाते हुए स्मार्ट सिटी, मनपा, मांजरपाड़ा और समृद्धि की ओर जांच का मोर्चा मोड़ दिया है. साथ ही, झंवर के पास अनाज महामंडल के अनाज यातायात सहित राज्य के दवा आपूर्ति का भी ठेका होने के कारण वहां पर भी गड़बड़ी की संभावना व्यक्त की जा रही है.

बेनामी संपत्ति निवेश मामले में जांच के रडार पर आने वाले भाईचंद हिराचंद रायसोनी मल्टिस्टेट को-ऑपरेटिव सोसाइटी (BHR) से संबंधित जलगांव के पाच इलाकों में पुणे के आर्थिक अपराध शाखा के 135 अधिकारी, कर्मियों के दल ने छापामारी की. जहां से दो ट्रक के माध्यम से सामग्री बरामद की. इस कारवाई में पूर्व जल सिंचाई मंत्री गिरीश महाजन के साथ साए की तरह घुमने वाले सुनील झंवर की विविध फर्म भी शामिल हैं. उनके कार्यालय में सरकारी कार्यालयों की मुहर, लेटर पैड सहित अनेक संदिद्ध दस्तावेज मिले हैं.

बताया जा रहा है कि, चुनिंदा व्यक्तियों ने सोसाइटी कि जमीन तथा संपत्ति कौड़ी के दामों में खरीदी की. इसमें झंवर का नाम सबसे आगे है. झंवर और गिरीश महाजन के मैत्रीपूर्ण संबंध सबको पता हैं. महाजन के स्वास्थ्य शिविरों सहित अन्य कार्यक्रमों के लिए झंवर के संस्था से फंडिंग मिलता था. झंवर की अनेक संस्थाए हैं, जिसके माध्यम से उन्होंने राज्य के कई इलाकों में ठेके प्राप्त किए हैं. झंवर की विगत पाच वर्षो की रफ्तार आश्चर्यकारक है.

जलगांव के बाद उसने नाशिक महानगर पालिका, स्मार्ट सिटी, समृद्धि महामार्ग में उप ठेके लेकर विस्तार किया. नाशिक के बोरा नामक व्यक्ति के साथ उनके आर्थिक संबंध होने की चर्चा है. इसके माध्यम से झंवर ने समृद्धि महामार्ग में करोड़ों रुपए का कार्य लिया. इन सभी कार्य में ‘बीएचआर’ के समझौते का पैसा निवेश होने का संदेह आर्थिक अपराध शाखा को है. उस दृष्टि से जांच की दिशा तय हो गई है. इसबिच झंवर गायब होने से पुलिस का संदेह यकिन में बदल गया है.

झंवर के पास हैं एफसीआई के अनाज ढुलाई के भी ठेके

जलगांव के रमेश मोटर ड्रायविंग स्कूल सहित श्री साई मार्केटिंग और ट्रेडिंग कंपनी, श्री साईबाबा कोल्ड स्टोरेज, युगश्री जय साई वेअर हाउस जैसे फर्म में झंवर का निवेश होने की चर्चा है. श्री साई मार्केटिंग एंड ट्रेडिंग कंपनी के पास एफसीआई अर्थात फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के अनाज ढुलाई के ठेके हैं.

जलगांव में झंवर के कार्यालय से सरकारी कार्यालय की मुहर जब्त की गई है. इसमें यातायात करते समय आवश्यक तहसीलदार, आपूर्ति अधिकारियों की मुहर भी शामिल है. इसके अलावा सरकार को दवा और वैद्यकीय सामग्री आपूर्ति करने का ठेका भी उनकी संस्था के पास है. इसलिए अनाज महामंडल, वैद्यकीय विभाग के कामकाज पर भी संदेह व्यक्त किया जा रहा है, जिसकी जांच करने की मांग कि जा रही है.

कुछ नेता भी रडार पर

राज्य और मनपा में भाजपा की सत्ता आने के बाद झंवर के तरक्की का आलेख लगातार बढ़ता रहा है. नाशिक महानगर पालिका सहित समृद्धि के कुछ ठेकों में झंवर सहित कुछ स्थानीय नेता भी पार्टनर होने की चर्चा है. इसलिए इस संपूर्ण जांच का केंद्र नाशिक तक पहुंच रहा है. जांच यंत्रणा ने नाशिक के कुछ नेताओं पर अपनी नजर जमाने की जानकारी सूत्रों ने दी. वर्तमान में झंवर गायब है और वह नाशिक शहर के किसी कौने में छुपे होने और उन्हें स्थानिय नेताओं ने पनाह देने की चर्चा है. इसलिए नाशिक अब बीएचआर घोटाले का उपकेंद्र बनता जा रहा है.