Nashik Commissioner Deepak Pandey

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    नाशिक. क्रोध में आदमी गलत कदम उठा लेता है, उसके साथ कुछ गलत हो जाता है। लेकिन फिर उसे अफसोस (Regretted) होता। नाशिक पुलिस कमिश्नर (Nashik Police Commissioner) दीपक पांडेय (Deepak Pandey) ने ऐसे ही कुछ अपराधियों को सुधारने का मौका दिया है। वहीं नाशिक में कानून-व्यवस्था (Law and Order) में बाधा डालने वाले अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।

    आरोपी को सुधरने का मौका 

    एक व्यक्ति तुच्छ कारण के चलते क्रोध में अपराध करता है। फिर वह जीवन भर पछताता है और सलाखों के पीछे अपनी जिंदगी बिताता है। ऐसे कई अपराधी नाशिक जिले की जेलों में अपनी सजा काट रहे हैं, हालांकि, अगर कोई अपराध किया जाता है, तो वह व्यक्ति बुरा नहीं है, समय उसे बुरा बनाता है।  मौका मिलने पर उसकी जिंदगी भी बदल सकती है।  इसे ध्यान में रखते हुए नाशिक के पुलिस कमिश्नर दीपक पांडेय ने अपराधियों को सुधरने का मौका दिया है।

    आपराधिक सुधार योजना बैठक 

    नाशिक पुलिस आयुक्त की अभिनव पहल के चलते स्वयं आयुक्त दीपक पांडेय ने अपराध न करने का गारंटी पत्र भरकर शहर के विभिन्न थानों से 250 अपराधियों को कार्रवाई के माध्यम से रिहा किया है।

    108 अपराधियों के खिलाफ मकोका

    पुलिस आयुक्त ने आपराधिक सुधार योजना के तहत जीवन कैसे बिताया जाए, अपराध करने के क्या होते हैं बुरे परिणाम, बर्बाद होती है जिंदगी, इन विषयों पर आरोपियों के साथ चर्चा की।  इस बारे में आरोपियों ने भी पुलिस के साथ सहकार्य किया।  एक तरफ तो गुन्हेगारों को सुधरने का मौका दिया गया लेकिन दूसरी तरफ शहर में दहशत फैलाने वाले 108 अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।  पुलिस आयुक्त ने दिखाया कि मौका मिलने पर सुरक्षा में बाधा डालने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।