कर्मचारियों का गैरजिम्मेदाराना व्यवहार
लोगों में बिजली विभाग के प्रति नाराजगी
साक्री. बेमौसम बारिश की बूंदाबांदी से एक ओर जहां तपती गर्मी से कुछ राहत मिली है, वहीं बिजली की आपूर्ति खंडित होने से नागरिक परेशान हो रहे हैं. पूछ-ताछ करने पर बिजली विभाग कर्मचारी नागरिकों को गैरजिम्मेदार जवाव देते हैं. विभाग के इस व्यवहार से लोग हैरान हैं.बिजली गुल होने से खेतों में फसल की सिंचाई भी प्रभावित हो रही है. विगत हफ्ते से बिजली आपूर्ति में काफी अनियमितताएं आ रही हैं. जिसका कोई भी समाधान बिजली विभाग के पास नहीं है.
बताया जा रहा है कि अगर बिजली आपूर्ति बाधित है तो बिजली ग्राहकों को इसकी सूचना मिलनी चाहिए. दूसरे, बिजली की आपूर्ति बाधित रहने का समय भी बताना चाहिए. लेकिन बिजली विभाग द्वारा सूचना जारी करने के अलावा भी आपूर्ति बाधित रहती है. वह भी बार-बार खंडित हो रही है. इस दरमियान, आगामी दो दिनों से चक्रवात की आशंका के चलते बिजली विभाग द्वारा सूचना जारी की गई है कि चक्रवात से बिजली के खंभे धराशायी हो सकते हैं.
रात में और बढ़ जाती हैं तकलीफें
खंभों से तार टूट सकते हैं. जिससे बिजली विभाग को नुकसान भी होगा. जब तक परिस्थितियां सामान्य नहीं हो जातीं तब तक बिजली आपूर्ति बाधित रहने की संभावना है.नागरिक अपने इन्वर्टर, बैटरियां, मोबाइल चार्ज कर कर रखें, जरूरी पानी का भंडारण बनाए रखें. जिसके चलते चक्रवात से बाधित सेवा की यथास्थिति होने तक परेशानी न हो. लेकिन थोड़ी सी बूंदाबांदी क्या हुई बिजली विभाग का गणित ही बिगड़ गया. रात में बिजली गुल होने से लोगों का और बुरा हाल होता है. उमस भरी गर्मी और उसमें बिजली गुल होने से लोगों की तकलीफें बढ़ जाती है.बढ़ती बिजली समस्या से लोगों में बिजली विभाग के प्रति नाराजगी बढ़ती जा रही है.
खेती संबंधी कार्य प्रभावित
नागरिक बिजली विभाग के निर्देशों का पालन करते उसके पहले बिजली गुल हो गई.भीषण गर्मी के चलते सभी जलस्त्रोत सूख गए हैं. पेयजल आपूर्ति भी न्यूनतम स्तर पर है. शहर में जलापूर्ति की समय सारिणी है. अगर इसी बीच बिजली गुल होती है और पानी आता है तो आधी से ज्यादा जनसंख्या पानी का भंडारण ही नहीं कर पाएगी. ग्रामीण भाग में हालात और भी खस्ता है. जहां पहले ही बिजली आपूर्ति रामभरोसे होती है. जब है तब लाभ लो ऐसी स्थिति है. जिसकी वजह से खेती के काम बहुत प्रभावित हुए हैं. बिजली आपूर्ति के इस रवैये से ग्रामीण परिसर में आटाचक्की, मोटर पम्प, मैकेनिक, लांड्रीवाले, गैरेजवाले बहुत प्रभावित हुए हैं. बिजली पर ही जिन व्यवसायों का जीवनयापन है, वे खासकर परेशान हो रहे हैं.