- किसानों को हो रही समस्या
येवला. महाराष्ट्र की जीवन रेखा मानी जाने वाली एसटी के पहिए धीरे-धीरे पटरी पर आ रहे हैं, लेकिन ग्रामीण इलाकों के लोगों को लाल परी के रूप में कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जो पिछले छह महीनों से धूल खा रही थीं. एसटी सेवा बंद होने से ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. किसान अपनी सब्जियों को बिक्री के लिए तहसील में ले जाते हैं लेकिन परिवहन सेवाओं की कमी के कारण, उन्हें निजी वाहनों में सब्जियों का परिवहन करना पड़ता है. महामंडल की बसें शुरू करने की अधिक मांग ग्रामीण क्षेत्रों से हो रही है.
जल्द शुरू हो बस सेवा
ग्रामीण क्षेत्रों के नागरिकों की मांग है कि एसटी निगम जल्द से जल्द ग्रामीण क्षेत्रों में एसटी सेवा शुरू करे. ग्रामीण क्षेत्रों के बहुत से लोग हर दिन नौकरी और व्यवसाय के उद्देश्य से आते हैं. अगर एसटी की सेवा में सुधार होता है, तो श्रमिक वर्ग को भी राहत मिलेगी. कोरोना के डर से स्कूलों और कॉलेजों को बंद कर दिया गया है.
एसटी को होती है काफी आय
एसटी कॉर्पोरेशन को यात्रा से बहुत अधिक आय हो रही थी लेकिन स्कूल और कॉलेजों के बंद होने से एसटी की आय पर बड़ा प्रभाव पड़ा है. हालांकि निगम ग्रामीण क्षेत्रों में नागरिकों की समस्या की दोहरी दुविधा में फंस गया है, अगर सेवा शुरू होने पर नुकसान नहीं हुआ है, तो यह मांग की जा रही है कि इस आदर्श वाक्य के साथ एसटी निगम ग्रामीण क्षेत्रों में सेवा शुरू करे और राहत प्रदान करे.
मांग कम होने से सेवा बंद
ग्रामीण क्षेत्रों में मांग के अनुसार एसटी बसें शुरू की जा सकती हैं, लेकिन मांग में कमी के कारण सेवा शुरू नहीं की गई है.
-प्रशांत गुंडे, डेपो प्रमुख, येवला