Karanjavan Dam

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    दिंडोरी.  निफाड़ (Niphad), येवला (Yeola), मनमाड़ (Manmad) आदि गांवों को जलापूर्ति करने वाले करंजवण बांध (Karanjavan Dam) से पिछले 30 दिनों से पानी छोड़ा जा रहा है। आज की स्थिति में बांध में 21 प्रतिशत पानी शेष है। स्थानिय दिंडोरी तहसील के नागरिकों को आगामी दिनों में पीने के पानी की किल्लत न हो इसलिए छोड़े जाने वाले पानी को बंद करने की मांग करंजवण, ओझे, खेडले, म्हेलूस्के, लखमापुर, नलवाड़ी, जोरण, पिंपलगांव धूम, नलवाडपाड़ा, चारोसे आदि गांव के नागरिकों ने की।

    पिछले साल दिंडोरी तहसील के पश्चिम परिसर में बारिश कम होने से करंजवण बांध 93 प्रतिशत भरा, इसलिए कादवा नदी को बाढ़ का पानी नहीं मिला। इसकी तुलना में निफाड़, येवला, मनमाड़ आदि परिसर में हर साल की तुलना में अच्छी बारिश हुई, लेकिन इन गांवों का करंजवन बांध के पानी पर आरक्षण होने से उन्हें पानी छोड़ना पड़ता है।

    1244 मिली मीटर 2 साल में हुई बारिश

    करंजवण बांध क्षेत्र में दो साल 1244 मिली मीटर बारिश हुई। इसलिए अगस्त माह में करंजवण बांध 100 प्रतिशत पानी से भर गया था। इसकी तुलना में इस वर्ष करंजवण बांध क्षेत्र में 890 मिली मीटर इतनी बारिश हुई। पिछले साल की तुलना में इस वर्ष करंजवण बांध क्षेत्र में 354 मिली मीटर बारिश कम हुई।

    4 सालों की तुलना में हुई कम बारिश

    पिछले साल दिडोरी तहसील में 1686.1 मिली मीटर बारिश हुई तो इस साल तहसील में 911.45 मिली मीटर बारिश हुई। यानी की दिंडोरी तहसील में पिछले चार सालों की तुलना में कम बारिश हुई। पश्चिम क्षेत्र के नदी-नालों को बाढ़ का पानी नहीं मिला। बारिश समय पर नहीं हुई तो तहसील के नागरिकों को जल किल्लत का सामना करना होगा, इसलिए जल सिंचाई विभाग ने करंजवण बांध से छोड़े जा रहे पानी को तुरंत बंद कर चरण-चरण में पानी छोड़ने की मांग की।

    करंजवण बांध से 30 दिनों से छोड़ा जा रहा पानी दो दिनों में बंद किया जाएगा। आगामी दो माह के बारे में विचार करें तो तहसील के नागरिकों को जल किल्लत का सामना करना पड़ सकता है। इस बारे में पालकमंत्री छगन भुजबल व सिंचाई विभाग से चर्चा की जाएगी।

    - नरहरी झिरवाल, उपाध्यक्ष, विधानसभा