Bhujbal
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नाशिक. वर्तमान में मराठा आरक्षण (Maratha Reservation) के संवेदनशील मुद्दे का विपक्ष द्वारा राजनीतिकरण किया जा रहा है. पांच साल तक सत्ता में रहने के बाद भाजपा सरकार ने क्या किया? उस समय उन्हें आरक्षण क्यों नहीं दिया जा सका? खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री और पालक मंत्री छगन भुजबल ने विपक्ष को आईना दिखाया है.

मराठा आरक्षण के लिए देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाने के बजाय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कानून बनाना चाहिए और मराठा समुदाय को आरक्षण देना चाहिए. ऐसी टिप्पणी भुजबल ने उदयन राजे भोसले पर की है. महाविकास अघाड़ी सरकार की वर्षगांठ के अवसर पर पत्रकारों ने भुजबल फार्म में उनके साथ बातचीत की. भुजबल ने कहा कि कोरोना की पृष्ठभूमि में महाविकास आघाड़ी में भाग लेने वाले दलों ने लोगों के लिए हर संभव प्रयास किया है. 

भाजपा कानून बनाकर मराठा समुदाय को आरक्षण दे 

उन्होंने कहा कि कोरोना के संकट से निपटने को भी अब एक साल हो जाएगा. हम साथ काम कर रहे हैं, हम ऐसा करना जारी रखेंगे. लेकिन आरक्षण जैसे मुद्दों का राजनीतिकरण करना अच्छी बात नहीं है. मंडल आयोग की सिफारिशों के कारण ओबीसी को आरक्षण मिला है. केंद्र की भाजपा सरकार ने सभी को 10 फीसदी आरक्षण देने का कानून पारित किया. इसी तर्ज पर राज्य में मराठा समुदाय को आरक्षण दिया जाना चाहिए था. भाजपा राज्य में पांच साल और केंद्र में सत्ता में रही है. इसलिए भुजबल ने मांग की कि बीजेपी को इस तरह की भूमिका न अपनाकर कानून बनाकर मराठा समुदाय को आरक्षण देना चाहिए. 

मुंबई की तरह नाशिक मनपा चुनाव भी लड़ेंगे

समय की मांग के अनुसार प्रत्येक पार्टी को स्वतंत्र या सामूहिक रूप से चुनाव लड़ने के लिए तैयार रहना चाहिए, इसमें कुछ भी गलत नहीं है. हालाँकि वर्तमान सरकार एकजुट होकर काम कर रही है. विरोधी भड़का रहे हैं लेकिन उनकी बातों में कोई तथ्य नहीं है. अगर जरूरत पड़ी तो हम मुंबई की तरह नाशिक म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन का चुनाव भी लड़ेंगे, ऐसा खुलासा भुजबल ने किया.