जम्मू. पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को पिछले साल अनुच्छेद 370 को हटाने और जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के केंद्र के कदम को “संविधान का अपमान” करार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य को “संसाधनों की लूट” की बिक्री के लिए पेश कर दिया और स्थानीय लोगों को उनकी जमीन और नौकरी के संरक्षण से वंचित कर दिया।
पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा ने कहा कि वे जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे की बहाली के लिए गुपकर घोषणापत्र गठबंधन (पीएजीडी) के तहत संघर्ष जारी रखेंगे, जिसका संविधान द्वारा आश्वासन दिया गया था। जम्मू के पांच दिवसीय दौरे के अंतिम दिन महबूबा ने संवाददाताओं से कहा, “जम्मू के लोग बेहद उदास हैं और मुझे लगता है कि यहां के हालात कश्मीर से भी ज्यादा खराब हैं। उन्हें बरगलाकर ऐसा भरोसा दिलाया गया कि अनुच्छेद 370 एवं अनुच्छेद 35ए से कश्मीरी मुसलमानों को फायदा है और इसे समाप्त करने से दूध की नदियां बहने लगेंगी और उद्योग-धंधे स्थापित होने एवं युवाओं के लिए रोजगार के रास्ते खुल जाएंगे। आज, वे निराश हैं।”
पीडीपी नेता ने कहा कि उद्योगपतियों, व्यापारियों, युवाओं, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों सहित समाज के तमाम वर्गों ने पिछले पांच दिनों में उनसे मुलाकात की और विशेष दर्जे की समाप्ति को लेकर उनकी आने वाली पीढ़ियों के भविष्य पर चिंता व्यक्त की।
उन्होंने आरोप लगाया, “उन्होंने (भाजपा नीत सरकार) ना केवल अनुच्छेद 370 समाप्त किया बल्कि संविधान का भी अपमान किया। महबूबा मुफ्ती झंडे के बारे में बात करती हैं, चाहे पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य के झंडे अथवा तिरंगे के बारे में, यह आसमान या चीन से नहीं आया बल्कि हमारे संविधान ने हमें यह अधिकार प्रदान किया, जिसे उन्होंने हमसे छीन लिया।”
महबूबा ने कहा कि पूरे जम्मू-कश्मीर के लोग “घुटन” महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि केवल मुसलमान ही मुझसे मुलाकात करने नहीं आए, हिंदू भी आए और उन लोगों ने अपनी चिंताएं व्यक्त कीं। (एजेंसी)