हमारे चिंता जताने के बावजूद भाजपा नेतृत्व का मुद्दे का समाधान नहीं करना दुर्भाग्यपूर्ण : शिअद

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चंडीगढ़: शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने शनिवार को कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कृषि सुधार विधेयकों को लेकर भाजपा नेतृत्व को पार्टी की चिंताओं से अवगत कराने के बावजूद मुद्दों को सुलझाया नहीं गया। शिअद ने इसके साथ ही सभी राजनीतिक दलों से विधेयकों के खिलाफ उसके ”संघर्ष” में शामिल होने की अपील भी की।

शिअद ने कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) पर किसानों के साथ धोखा करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इन दलों ने लोकसभा में विधेयकों को पारित करने को लेकर विरोध नहीं जताया। सत्तारूढ़ भाजपा की सबसे पुरानी सहयोगी पार्टियों में से एक अकाली दल तीन कृषि विधेयकों का जबरदस्त विरोध कर रही है। हरसिमरत कौर बादल ने तीन कृषि विधेयकों के विरोध में बृहस्पतिवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। वह नरेंद्र मोदी सरकार में शिअद से एकमात्र मंत्री थीं। ये विधेयक बृहस्पतिवार को लोकसभा में पारित हुए थे।

शिअद के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व सांसद प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने यहां ऑनलाइन प्रेस वार्ता के दौरान कहा, ”यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भाजपा ने हमारे चिंता व्यक्त करने और किसान समुदाय की भावनाओं को केंद्रीय नेतृत्व तक पहुंचाए जाने के बावजूद मुद्दों का समाधान नहीं किया।” उन्होंने कहा, ”हालांकि, हम किसानों के प्रति अपने कर्तव्यों को लेकर असफल नहीं होंगे और उनके एवं पंजाब के लिए न्याय सुनिश्चित करने को लेकर संघर्ष जारी रखेंगे।”

चंदूमाजरा ने इस मुद्दे पर सभी राजनीतिक दलों से ‘‘एक सोच और एक मंच” का गठन करने की अपील की। शिअद ने कृषि विधेयकों के खिलाफ मतदान किया था और अपने सदस्यों को व्हिप जारी कर कहा है कि वह राज्यसभा मे इसका विरोध करें ।

चंदूमाजरा ने कांग्रेस और आप पर इस मुद्दे पर किसानों को धोखा देने का प्रयास करने का आरोप लगाया । उन्होंने कहा, ‘’एक तरफ ये राजनीतिक दल पंजाब में कृषि विधेयकों का विरोध कर रहे हैं लेकिन उन्होंने एक दूसरे के साथ सांठगांठ कर ली है और वे दिल्ली में इन विधेयकों का विरोध नहीं कर रहे हैं ।”

चंदूमाजरा ने कहा कि न तो कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और न ही आम आदमी पार्टी के संयोजक अ​रविंद केजरीवाल ने इन विधेयकों के खिलाफ कोई शब्द बोला और दोनों ही दल इस मुद्दे पर घड़ियाली आंसु बहा रहे हैं ।