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    पटना. पटना उच्च न्यायालय (Patna High Court) द्वारा महामारी की दूसरी लहर के खराब प्रबंधन के लिए बिहार सरकार को फटकार लगाए जाने और लॉकडाउन की स्थिति पर सवाल करने के एक दिन बाद प्रशासन ने मंगलवार को 5 मई से 15 मई तक लॉकडाउन लागू करने की घोषणा की।

    मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में चार मई को आपदा प्रबंधन समूह की बैठक में यह निर्णय लिया गया। पटना उच्च न्यायालय ने सोमवार को महाधिवक्ता ललित किशोर से कहा था कि वे लॉकडाउन की तत्काल आवश्यकता पर मुख्यमंत्री से बात करें। संपर्क करने पर किशोर ने पीटीआई-भाषा से कहा कि उन्होंने संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन की घोषणा के बारे में उच्च न्यायालय को सूचित किया है।

    नीतीश ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा, ‘‘कल सहयोगी मंत्रीगण एवं पदाधिकारियों के साथ चर्चा के बाद बिहार में फिलहाल 15 मई तक लॉकडाउन लागू करने का निर्णय लिया गया। इसकी विस्तृत मार्ग- निर्देशिका एवं अन्य गतिविधियों के संबंध में आज ही आपदा प्रबंधन समूह को कार्रवाई करने के लिए निदेश दिया गया है।”

    राज्य में 05 से 15 मई तक लॉकडाउन लागू करने के निर्णय को लेकर गृह विभाग द्वारा मंगलवार को जारी एक आदेश में कहा गया कि 04 मई को आपदा प्रबंधन समूह की बैठक में राज्य में कारोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति की समीक्षा की गयी, जिसमें पाया गया कि राज्य में संक्रमण की दर पिछले एक सप्ताह से निरंतर 10 प्रतिशत से अधिक बनी हुई है। बढते कोरोना संक्रमण के मद्देनजर बिहार में लॉकडाउन के फैसले का राजनीतिक दलों ने स्वागत किया है लेकिन मुख्य विपक्षी राजद ने आलोचना करते हुए कहा कि सरकार ने संक्रमण के गांवों तक पहुंचने के बाद यह कदम उठाया है। (एजेंसी)