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अमरावती: कोविड19 और उसके चलते लागू सार्वजनिक पाबंदियों के कारण अर्थव्यवस्था पर बड़े असर और कर राजस्व में गिरावट की आशंकाओं के विपरीत आंध्र प्रदेश के कर राजस्व में चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीनों में एक साल पहले इसी अवधि की तुलना में 4000 करोड़ रुपये से अधिक की वृद्धि दर्ज की गयी है।

नियंत्रक एवं महालेखा—परीक्षक (कैग) की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2020—21 में अप्रैल—जुलाई माह के दौरान आंध्र प्रदेश को 19,114.73 करोड़ रुपये के कर राजस्व की प्राप्ति हुई। पिछले वर्ष इसी दौरान कर प्राप्ति 15,017.77 करोड़ रुपये थी राज्य सरकार ने कोविड19 के कारण कर आमदनी में कम आने के आसार को देखते हुए शराब और पेट्रोल—डीजल जैसे कुछ प्रकार के माल पर कर बढ़ा दिए थे। इन बढ़े हुए करों से चालू वित्त वर्ष की पूरी अवधि में 15,300 करोड़ रुपये की अतिरिक्त प्राप्ति का अनुमान लगाया गया था।

कैग की रपट के अनुसार राजस्व की संभावित कमी से निपटने को सरकार ने पहले चार माह में कर्ज से 39,946 रुपये की व्यवस्था की। पिछले साल इस दौरान राज्य ने 13,994.90 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था। आंध्र प्रदेश को अनुदान सहायता आदि के रूप में इस दौरान केंद्र से 10,554.21 मिले। पिछले साल इसी दौरान इन मदों में प्राप्त सहायता 5,164 करोड़ रुपये थी।

इस दौरान राज्य की गैर—कर प्राप्तियों 787.14 करोड़ रुपये रहीं जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह आंकड़ा 971.75 करोड़ रुपये था। पूरे वर्ष के दौरान राज्य ने 48,295.58 करोड़ रुपये का कर्ज लेने का लक्ष्य रखा है। इसका 82.71 कर्ज वह ले चुकी है। राज्य के वित्त विभाग के अधिकारियों ने कर्ज के बारे में कैग की रपट पर सवाल उठाया।

एक अधिकारी ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘हां हमने इस बार ज्यादा कर्ज जरूर उठाया है पर 40,000 करोड़ रुपये का कैग का आंकड़ा सही नहीं है। यह करीब 30,000 करोड़ रुपये के आसपास होगा।”