बेंगलुरु. कर्नाटक विधानसभा के सोमवार से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं और ऐसी अटकलें हैं कि भाजपा सरकार “लव जिहाद” और गौ-हत्या के खिलाफ विधेयक पेश कर सकती है। विधानसभा अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े कगेरी ने बताया कि सदन 14 व 15 दिसंबर को “एक राष्ट्र, एक चुनाव” पर बहस करेगा। इस मुद्दे पर बहस करने वाली वह पहली विधानसभा होगी।
वहीं कांग्रेस ने ऐलान किया है कि वह अंतर-धार्मिक (दो अलग अलग धर्मों के लोगों की) शादियों और गौ-हत्या के खिलाफ सरकार के किसी भी कदम का विरोध करेगी, जबकि भाजपा शिवमोगा में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं पर हालिया हमले और अगस्त में बेंगलुरू में हुई हिंसा में विपक्षी पार्टी की कथित भूमिका को लेकर उसे घेरने का प्रयास कर सकती है।
भाजपा “आई मोनेटरी एडवाइजरी” (आईएमए) निवेश घोटाले को भी उठा सकती है जिसमें कांग्रेस के एक पूर्व विधायक को सीबीआई ने हाल में गिरफ्तार किया है। भाजपा की कर्नाटक राज्य कार्यकारिणी ने अंतर-धार्मिक शादियों और राज्य में गौ हत्या के खिलाफ कानून बनाने एवं लागू करने संबंधी प्रस्ताव को स्वीकार किया है।
कर्नाटक के पशुपालन मंत्री प्रभु चव्हाण पहले ही संकेत दे चुके हैं कि सात दिसंबर से शुरू हो रहे विधानसभा के सत्र में गौ हत्या रोधी विधेयक पेश किया जाएगा। गृह मंत्री बासवराज बोम्माई ने कहा था कि राज्य में “लव जिहाद” के खिलाफ कानून होगा तथा अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे इस संबंध में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश के बारे में सूचना एकत्र करें। इसके अलावा विवादित कर्नाटक कृषि उत्पाद विपणन (नियमन) और विकास संशोधन विधेयक एवं कर्नाटक भूमि सुधार संशोधन विधेयक पर फिर से चर्चा हो सकती है। ये विधेयक विधान परिषद में लंबित हैं, जहां भाजपा के पास बहुमत नहीं है।
कांग्रेस कैबिनेट विस्तार में देरी और मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के राजनीतिक सचिव एनआर संतोष द्वारा कथित रूप से खुदकुशी के प्रयास का मुद्दा उठा सकती है। कगेरी ने बताया कि कोविड-19 के मद्देनजर सभी एहतियाती उपाय किए गए हैं। उन्होंने बताया कि मास्क पहनना और एक दूसरे से दूरी बनाए रखना अनिवार्य होगा। उन्होंने कहा कि सत्र में 10 से ज्यादा विधेयकों पर चर्चा की जाएगी। (एजेंसी)