पुणे. महापौर मुरलीधर मोहोल (Mayor Muralidhar Mohol) ने पुणे (Pune) में ससून अस्पताल (Sassoon Hospital) के अधीक्षक डॉ. मुरलीधर तांबे ने कोरोना (Corona) के संदर्भ में महत्वपूर्ण मुद्दों पर मुलाकात की और चर्चा की। इस अवसर पर उन्होने निर्देश दिए कि अस्पताल के कम से कम 60% बेड्स (Beds) कोविड (Covid) के लिए उपलब्ध होने चाहिए।
महापौर के अनुसार, पुणे शहर में प्रतिदिन औसतन 25,000 से अधिक कोरोना परीक्षण किए जाते हैं, लेकिन सरकार-स्तरीय आरटी-पीसीआर परीक्षणों की संख्या केवल 2,000 के आसपास है। इस संख्या को तुरंत बढ़ाने के लिए हम पिछले कई दिनों से अथक प्रयास कर रहे हैं। इस संबंध में डॉ. ताम्बे को इस क्षमता को बढ़ाने के लिए तुरंत ताम्बे की सलाह ली गई। औसतन, 25,000 परीक्षणों में से 23,000 परीक्षण इन निजी प्रयोगशालाओं के माध्यम से किए जाते हैं, इसलिए संक्रमण का खतरा अधिक होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि एक निजी लैब में परीक्षण के बाद, संबंधित रोगी जरूरी अलगाव में नहीं रहता है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
और 500 बेड्स उपलब्ध हो सकते है
महापौर ने आगे कहा कि एक और महत्वपूर्ण बिंदु यह है कि ससून अस्पताल में कुल बेड 1,750 हैं। हालांकि, ससून ने कोरोना के लिए केवल 520 बेड प्रदान किए हैं। एक तरफ, शहर के सभी अस्पतालों में 80% बेड कोविड के लिए आरक्षित हैं, लेकिन ससून में प्रतिशत बहुत कम है। इसीलिए ससून में कम से कम 60 फीसदी बेड आरक्षित होने चाहिए। ऐसा होने पर लगभग 500 और बिस्तर उपलब्ध होंगे। महापौर के अनुसार #PMCares के माध्यम से ससून अस्पताल में कुल 86 वेंटिलेटर प्राप्त हुए। जिसमें से 54 वेंटिलेटर चालू हैं और 32 वेंटिलेटर खराब हैं। ताम्बे के साथ इस बारे में चर्चा हुई थी। हमारे पुणे मनपा को #PMCares से कुल 34 वेंटिलेटर मिले थे। जिसमें से 33 वेंटिलेटर चालू हैं और इलाज के लिए इस्तेमाल किए जा रहे हैं। जब पुणे म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन को वेंटिलेटर मिला है तो ससून में वेंटिलेटर को बंद करने का क्या कारण है? इस सवाल का जवाब जल्द ही सामने आएगा।