पुणे. महाराष्ट्र राज्य परिवहन महामंडल (ST) की यात्रा सेवा से करीब 6 हज़ार बसें (Buses) बाहर होंगी। हालांकि एसटी प्रशासन किराए (Rent) पर 500 बसें लेने जा रहा है। बावजूद इसके बेड़े में बसों की यह संख्या कम होगी। इसका असर हर दिन की यात्रा करने वाले करीब 10 से 15 लाख यात्रियों पर होने के आसार हैं।
एसटी महामंडल (ST Mahamandal) के काफिले में 18 हज़ार बसें है। हर दिन करीब 60 लाख यात्री इसमें सफर करते हैं। अवधि खत्म होने की वजह से 3 हज़ार बसों को सीधे हटाना होगा, जबकि 2 हज़ार बसें माल ढुलाई के लिए इस्तेमाल की जाएंगी। एक हज़ार बसें तकनीकी वजहों से डिपो और वर्कशॉप में रहेंगी। इन बसों के सेवा में नहीं आ सकने से हर दिन 10 से 15 हज़ार यात्रियों को दिक्कत होगी।
9 हजार करोड़ के पार एसटी का घाटा
एसटी का कुल घाटा 9 हज़ार करोड़ होने से नई बसों के लिए पैसे नहीं है। एसटी खुद अपना पेट्रोल पंप शुरू करने जा रही है। किराये पर ली जाने वाली बसों के लिए इस पेट्रोल पंप से ईंधन लेना अनिवार्य होगा। फ़िलहाल बसों को प्रति किलोमीटर पर 44 रुपए का खर्च आता है। किराये पर ली जाने वाली बसों को प्रति किलोमीटर 25 से 30 रुपए खर्च करना होगा। इससे प्रति किलोमीटर 14 रुपए की बचत होगी।ऐसे में ज्यादा कमाई देने वाले प्रमुख मार्गों में यह बसें चलेंगी।
जिन बसों की अवधि खत्म हो गई है ऐसी बसों की यात्री सेवा समाप्त होगी। हालांकि हम चरणों में इस पर अमल करेंगे। यात्रियों को दिक्कत नहीं होने देंगे।
-डॉ. शेखर चन्ने, प्रबंध निदेशक और उपाध्यक्ष