Srirang Barane

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  • शिवसेना सांसद श्रीरंग बारणे ने आरोप लगाकर जताई नाराजगी

पिंपरी. महाराष्ट्र में कोरोना रोगियों की संख्या सबसे अधिक है. राज्य में हर दिन 23,000 नए कोरोना मरीज बढ़ रहे हैं. अकेले पुणे और पिंपरी -चिंचवड़ में पांच हजार मरीज पंजीकृत हो रहे हैं. इन हालातों में राज्य को केंद्रीय सहायता की सख्त जरूरत है. पर केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र के वेंटिलेटर, पीपीई किट, टेस्टिंग किट, एन-95 मास्क आदि की आपूर्ति को 1 सितंबर से पूरी तरह से बंद कर दिया है. ऐसा आरोप लगाते हुए शिवसेना सांसद श्रीरंग बारणे ने कड़ी नाराजगी जताई है. उन्होंने मांग की है कि केंद्र सरकार को तत्काल महाराष्ट्र सरकार को चिकित्सा सहायता प्रदान करना शुरू करना चाहिए.

इस संबंध में सांसद बारणे ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन से मुलाकात कर उक्त मसले पर चर्चा की. इस बारे में उन्होंने जारी किए बयान में कहा है कि महाराष्ट्र में, हर दिन 23 हजार नए कोरोना रोगी पंजीकृत किए जा रहे हैं. इस मुश्किल स्थिति में सुकून देने वाली बात यह है कि राज्य में कोरोना मरीज की रिकवरी दर 72 फीसदी है.राज्य सरकार पहले ही वित्तीय संकट में है. राज्य को अभी तक केंद्र सरकार से जीएसटी रिफंड नहीं मिला है. उसी में चिकित्सा उपकरण के लिए एक बड़ा बोझ राज्य के खजाने पर भी पड़ने वाला है. इसलिए, केंद्र सरकार को महाराष्ट्र सरकार को यह चिकित्सा सहायता प्रदान करने की जरूरत  है. राज्य सरकार भी लगातार इसकी मांग कर रही है. केंद्र सरकार की एक मेडिकल टीम कोरोना स्थिति की निगरानी के लिए कई बार महाराष्ट्र का दौरा कर चुकी है.

केंद्र से नहीं मिल रहा सहयोग

उसके बाद भी राज्य सरकार को केंद्र सरकार से अपेक्षित सहयोग नहीं मिल रहा है.राज्य सरकार को कोविद अलगाव केंद्र के लिए वित्तीय और चिकित्सा सामग्री की सहायता की आवश्यकता है.राज्य सरकार ने पुणे और पिंपरी चिंचवड़ में जंबो कोविड केंद्र स्थापित किए हैं, जिनमें कोरोना रोगियों की संख्या बढ़ रही है.इसमें अगर केंद्र सरकार से मदद मिले तो, राज्य में कोरोना रोगियों की संख्या और कम हो जाएगी.केंद्र सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय को महाराष्ट्र सरकार को अधिकतम चिकित्सा सहायता प्रदान करनी चाहिए.जब तक महाराष्ट्र के सभी कोरोना रोगी ठीक नहीं हो जाते.तब तक चिकित्सा सहायता जारी रखी जाए, यह मांग सांसद बारणे ने की है.