property tax

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    पुणे. पुणे महानगरपालिका (Pune Municipal Corporation) का आय का सबसे बड़ा स्रोत टैक्स विभाग (Tax Department) है। हर साल लगभग 1300 करोड़ से ज्यादा आय देने का काम यह विभाग करता है, लेकिन महानगरपालिका ने कई सारे प्रयास करने के बावजूद भी कई लोग बकाया राशि भरने के लिए तैयार नहीं है, जबकि मनपा द्वारा ऐसे लोगों पर 2 प्रतिशत दंड (Fine) भी लगाया जाता है। फिर भी राशि वसूल नहीं हो पा रही है।

    विगत कई सालों से यह राशि बाकी है। करीब 4 हजार 225 करोड़ की राशि बकाया है। इसमें सरकारी कार्यालय भी हैं। महानगरपालिका की ओर से सभी तरह की सुविधा लेने के बावजूद भी इन कार्यालयों द्वारा प्रॉपर्टी टैक्स (Property Tax) नहीं भरा है। करीब 90 करोड़ की राशि बकाया है। विगत कई सालों से इस राशि का भुगतान नहीं किया गया है। इसमें सबसे ज्यादा यानी 58 करोड़ का टैक्स सिंचाई विभाग द्वारा बकाया गया है। 

    मनपा द्वारा दी जाती है सभी सुविधा 

    टैक्स विभाग के जानकारी के अनुसार महानगरपालिका प्रशासन की ओर से इन सरकारी कार्यालयों को सभी तरह की सुविधा दी जाती है। फिर भी इन्होंने टैक्स का भुगतान नहीं किया गया है। केंद्र सरकार के कार्यालयों के पास करीब 16 करोड़ 89 लाख की राशि बकाया है। इसमें इसमें सबसे ज्यादा आय कर कार्यालय की यानी 14 करोड़ 32 लाख की है। एसआरपीएफ के पास 2 करोड़ बकाया है। राज्य सरकार के कार्यालयों के पास करीब 60 करोड़ से अधिक की राशि बकाया है। इसमें सबसे ज्यादा सिंचाई विभाग के पास यानी करीब 58 करोड़ की राशि बकाया है। उसके बाद शिक्षा विभाग के पास 1 करोड़ 44 लाख की राशि बकाया है। Ceop कॉलेज के पास 1 करोड़ 15 लाख बकाया है। ऐसे कुल 90 करोड़ की राशि इन कार्यालयों के पास बकाया है। 

     नहीं वसूल हो पा रही बकाया राशि 

    ज्ञात हो कि महानगरपालिका प्रशासन को विकास काम करने के लिए करोड़ो रुपए की जरूरत होती है। साथ ही महानगरपालिका का हर साल बजट भी बढ़ता जा रहा है। जारी साल में तो 6 हजार करोड़ से अधिक का बजट बनाया गया है, लेकिन उसके अनुपात में महानगरपालिका आय नहीं कमा सकती है क्योंकि मनपा को आय के लिए टैक्स विभाग और राज्य सरकार के अनुदान पर अवलंबित रहना पड़ता है। ऐसे में टैक्स विभाग भी बकाया राशि ना मिलने की वजह से त्रस्त है। शहर में लगभग 9 लाख टैक्सधारक है। उसमें से कई सारे लोग टैक्स नहीं भरते है। उन पर दंड़ भी लगाया जाता है। दंड और मूल राशि मिलकर यह राशि बढ़ती रहती है। करीब 4 हजार 225 करोड़ की राशि बकाया है। इसमें दंड की राशि करीब 2 हजार 323 करोड़ की है। यानी प्रति माह लगभग 70 करोड़ की बढ़ोतरी इस बकाया राशि में हो जाती है। इससे महानगरपालिका का नुकसान हो रहा है। इसमें सरकारी कार्यालय भी हैं। महानगरपालिका की ओर से सभी तरह की सुविधा लेने के बावजूद भी इन कार्यालयों द्वारा प्रॉपर्टी टैक्स नहीं भरा है। इस वजह से प्रशासन ने अब सरकारी कार्यालयों से वसूली पर जोर दिया है। 

    सरकारी कार्यालयों से बकाया राशि वसूलने की जिम्मेदारी विभाग प्रमुख विलास कानडे ने मुझ पर सौंपी है। इसके अनुसार हम नियोजन कर रहे है। सरकारी कार्यालयों से हमारी अपील है कि बकाया टैक्स का भुगतान तत्काल करें क्योंकि अब सभी कार्यालयों को सरकारी अनुदान मिल चुका है। टैक्स का भुगतान कर मनपा को सहायता करें।

    - रविंद्र ढावरे, प्रशासन अधिकारी, टैक्स विभाग