मराठा आरक्षण के अध्यादेश की जलाई होली

  • मराठा क्रांति मोर्चा की ओर से सरकार का विरोध

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पुणे. मराठा आरक्षण (Maratha Reservation) हमारा अधिकार है, यह किसी के पिता का नहीं है। इस सरकार को क्या करना चाहिए?  इस तरह की नारेबाजी कर सकल मराठा समाज (sakal Maratha society) व मराठा क्रांति मोर्चा (Maratha Kranti Morcha) की ओर से सरकार द्वारा जारी किए गए अध्यादेश (Ordinance) की होली जलाई।

मोर्चा के राज्य समन्वयक राजेंद्र कोंढरे, रघुनाथ चित्रे पाटिल, राजेंद्र कुंजीर, सचिन अडेकर, किशोर मोर, मीना कुंजीर, गणेश मापरी, श्रुति पाडले और मराठा समुदाय के अन्य कार्यकर्ता आंदोलन में उपस्थित थे। राज्य सरकार ने ईडब्ल्यूएस आरक्षण देने का फैसला किया। इस फैसले के खिलाफ सरकार के अध्यादेश की होली जलाई गई।

EWS से क़ानूनी कठिनाइयां आएंगी

कोंढरे ने कहा कि आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में आरक्षण सहित सभी याचिकाओं में 50 प्रतिशत की सीमा का उल्लंघन करते हुए आरक्षण को चुनौती दी गई थी। ऐसी स्थिति में, यदि मराठा समुदाय को आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) श्रेणी से आरक्षण दिया जाता है, तो मराठा आरक्षण पीठ के समक्ष अंतिम सुनवाई में बहस करते समय कानूनी कठिनाइयां उत्पन्न होंगी। यह निर्णय राजनीतिक सुविधा और सर्वोच्च न्यायालय में लंबित मामले की नींव को हिला देने के लिए लिया गया था। यह मराठा समुदाय (Maratha community) के आरक्षण की हत्या है।

रघुनाथ चित्रे ने कहा कि सरकार मराठा समुदाय के कुछ लोगों को लुभाने की साजिश कर रही है। लेकिन, शुरू से ही मराठा समुदाय के लोग आंदोलन में एकजुट रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) में एक याचिका दायर करना हाथ से चार लोगों को पकड़कर मराठा समुदाय को थोपना है, जो मराठा समुदाय की मांग नहीं है। सरकार ईडब्ल्यूएस (EWS) आरक्षण देकर मराठों और ओबीसी (OBC) के बीच झगड़े को भड़काने की साजिश कर रही है। उन्होंने मराठा समुदाय के कुछ नेताओं पर पिछले 30 वर्षों से ऐसी क्षुद्र राजनीति में लिप्त होने का भी आरोप लगाया। राजेंद्र कुंजिर ने कहा कि इस सरकार ने मराठा समुदाय के साथ छल किया है। हम इसे उचित तरीके से समझाएंगे। साथ ही हम मराठा समुदाय में जागरूकता और साक्षरता पैदा करके संघर्ष की तैयारी करेंगे।