विधायक की मध्यस्थता से काम पर लौटा हॉस्पिटल का स्टाफ

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  •  बिरला अस्पताल प्रबंधन की प्रताड़ना के खिलाफ 4 दिन से धरना दे रहे थे

पिंपरी. मैनेजमेंट द्वारा की जा रही प्रताड़ना के खिलाफ चिंचवड़ स्थित आदित्य बिर्ला मेमोरियल हॉस्पिटल के नर्सिंग स्टाफ के बाद डॉक्टरों ने भी मैनेजमेंट के विरोध में धरना प्रदर्शन, आंदोलन शुरू कर दिया था. नर्सिंग स्टाफ तो गत 4 दिन से लगातार धरना दे रहा था.आखिरकार भाजपा के पिंपरी-चिंचवड़ शहराध्यक्ष और विधायक महेश लांडगे संकटमोचक के तौर पर सामने आए.उन्होंने आंदोलनकारी स्टाफ के सामने हाथ जोड़े और उन्हें न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया.उनके एक बयान से पूरा स्टाफ हड़ताल खत्म कर पुनः काम पर लौट गया.

मांग को अनसुना किया जा रहा था

लांडगे ने हाथ जोड़कर कहा कि मैं आपमें भगवान देखता हूं, आज कोरोना के संकटकाल में लोगों को आपकी जरूरत है, प्लीज उनकी जान बचाइए. चार दिन से बिर्ला हॉस्पिटल के नर्सिंग स्टाफ का धरना प्रदर्शन शुरू है, उनके बाद डॉक्टरों ने भी हॉस्पिटल मैनेजमेंट के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए आंदोलन का रुख अख्तियार कर लिया था. कोरोना काल में सख्ती की ड्युटी, क्वारंटाईन सुविधा, रोटा पॅक्ट, निकृष्ट दर्जा के भोजन के चलते हॉस्पिटल के डॉक्टर्स मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं.कोरोना काल में सात दिन की ड्यूटी के बाद तुरंत नॉन कोरोना मरीजों के इलाज में ड्यूटी लगाई जा रही है.डॉक्टरों के कोरोना टेस्ट के लिए ज्यादा पैसों की मांग की जा रही है.टेस्ट की रिपोर्ट आने तक ड्यूटी करने की अनिवार्यता की जा रही है.यही नहीं उनकी रिपोर्ट से तक अनजान रखा जा रहा है.क्वारंटाइन पीरियड पूरा होने से पहले ही डॉक्टरों को ड्यूटी पर आने की सख्ती की जा रही है.डॉक्टरों के लिए क्वारंटाइन की सुविधा से युक्त स्वतंत्र अलगीकरण कक्ष की मांग को लगातार अनसुना किया जा रहा था.

कोई ठोस उपाययोजना नहीं की जा रही 

हॉस्पिटल मैनेजमेंट की मनमानी से हॉस्पिटल में ही कोरोना के संक्रमण बढ़ने का खतरा बढ़ गया है.महिलाओं की सुरक्षा के लिहाज से कोई ठोस उपाययोजना नहीं की जा रही है. महिलाओं के लिए चेंजिंग रूम, स्वछता गृह की समुचित व्यवस्था नहीं है. नर्सिंग स्टाफ और डॉक्टरों के आंदोलन को गंभीरता से लेते हुए मनपा कमिश्नर श्रावण हार्डिकर और अतिरिक्त स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पवन सालवे ने उनसे और हॉस्पिटल मैनेजमेंट के साथ चर्चा की.

प्लीज, आप लोगों की जान बचाइए :लांडगे

वहीं विधायक महेश लांडगे सीधे आंदोलन कर रहे स्टाफ और डॉक्टरों के पास पहुंचे.उन्होंने उनसे पूरा ब्यौरा जानने के बाद उनके समक्ष हाथ जोड़ लिए.”मैं आप सबमें भगवान देखता हूं. आपकी मांगें जायज हैं, लेकिन यह वक्त आंदोलन या विवाद का नहीं है.आज कोरोना के संकटकाल में लोगों को आपकी जरूरत है,  प्लीज आप लोगों की जान बचाइए. इस बयान के साथ ही विधायक ने स्टाफ और डॉक्टरों को आश्वस्त किया कि वे उनकी मांगों को पूरी करवाने उन्हें न्याय दिलाने के लिए पूरी तरह से उनके साथ हैं.विधायक लांडगे की विनम्रता और आश्वासन के बाद नर्सिंग स्टाफ और डॉक्टरों ने अपना आंदोलन खत्म कर दिया और पुनः अपने काम पर लौट गए.