Srirang Barane

  • पर्यावरण मंत्री से की कार्रवाई की मांग

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पिंपरी. पिंपरी-चिंचवड़ के थेरगांव स्थित पद्मजी पेपर मिल से होनेवाला प्रदूषण स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरा बन गया है. इस बारे में बार-बार शिकायत करने के बावजूद कंपनी प्रबंधन के कानों पर जूं तक नहीं रेंग सकी है. इस पर कड़ी नाराजगी जताते हुए शिवसेना के स्थानीय सांसद श्रीरंग बारणे ने सीधे पर्यावरण मंत्री से शिकायत कर कंपनी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है.

 इस मसले पर उन्होंने राज्य के पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे के अलावा पर्यावरण विभाग की सचिव मनीषा म्हस्कर, पुणे प्रदूषण नियामक मंडल कार्यालय और पिंपरी-चिंचवड़ मनपा को पत्र भेजा है.

छोटे बच्चों, बुजुर्गों के लिए हानिकारक

इस पत्र में सांसद ने लिखा है कि थेरगांव में पद्मजी पेपर मिल का बॉयलर प्लांट है. इसे जलाने के लिए कोयले का उपयोग किया जाता है. इसका धुंआ और धूल हवा में उड़कर आसपास के घरों में जाता है. परिणामस्वरूप स्थानीय नागरिकों को बहुत परेशानी हो रही है. सड़कें, मकान काली धूल की परत से ढंके हुए हैं. खासकर छोटे बच्चों, बुजुर्गों को बहुत तकलीफ हो रही है, उनमें सांस की बीमारियां हो रही हैं.कंपनी किसी भी तरह से देखभाल नहीं करती है. यदि शिकायत की जाती है, तो इसे अनदेखा किया जाता है. पद्मजी पेपर मिल शुरू से ही बहुत अधिक प्रदूषण का कारण रहा है. इसके प्लांट का रासायनिक पानी पवना नदी में छोड़ा जा रहा. इसलिए मिल के खिलाफ कार्रवाई भी की गई थी. उसके बाद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा नदी में पानी का निर्वहन करने वाले संयंत्र को बंद कर दिया गया.

कोयले से पैदा कर रहे बिजली

अब वे कोयले से बिजली पैदा कर रहे हैं. वे बिजली कंपनी का उपयोग कर रहे हैं. इसकी धूल बड़ी मात्रा में हवा के साथ मिल जाती है.चिंचवड़ गांव में मोरया गोसावी मंदिर तक धूल जाती है.इस बारे में समय-समय पर शिकायतें की गईं, लेकिन कंपनी उस पर ध्यान नहीं देती है. प्रारंभ में थेरगांव क्षेत्र में ज्यादा नागरिकरण नहीं था. मगर अब यहां के शहरीकरण में बड़े पैमाने पर वृद्धि हुई है.पद्मजी पेपर मिल के कारण यहां हवा में बहुत प्रदूषण है. इससे नागरिकों को सांस लेने में परेशानी हो रही है. अस्थमा की बीमारी के मरीजों में वृद्धि हुई है. कोरोना ने नागरिकों में श्वसन संबंधी विकार पैदा किए हैं. इसके अलावा, कंपनी के प्रदूषण के कारण नागरिकों को और परेशानी हो रही है. इसलिए इस कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए और क्षेत्र के नागरिकों को राहत दी जानी चाहिए.