बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन के बाद एयरपोर्ट भी, हवाई यात्रा सुविधाएं देने में फेल

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    कभी हवाई सेवा को तेज और आरामदेह माना जाता था लेकिन अब यह थकानेवाली, असुविधाजनक और समय की बर्बादी करनेवाली हो गई है. दिल्ली और मुंबई जैसे व्यस्त एयरपोर्ट से छुट्टियों के दौरान हवाई सफर करने की सोचना स्वयं को भारी परेशानी में डालनेवाला है. वहां यात्रियों की भारी भीड़ है, जबकि व्यवस्था नहीं के बराबर है. हालात इतने बिगड़ गए कि नागरी उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को गत सप्ताह सभी प्रमुख भारतीय एयरपोर्ट प्रमुखों, सीआईएसएफ और इमिग्रेशन अधिकारियों की आपात बैठक बुलानी पड़ी. इसके बावजूद हालात नहीं सुधरे. इस सप्ताह दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट में भीड़भाड़ से भारी अफरा-तफरी मच गई. 

    वहां मछलीबाजार जैसी स्थिति देखी गई. जहां इतनी भीड़ होगी, वहां धक्का-मुक्की और भारी शोरगुल तो होगा ही. असुविधा और लंबी कतारों से परेशान यात्रियों ने जमकर भड़ास निकाली. सोशल मीडिया में वहां की तस्वीर के साथ ‘वेलकम टु हेल’ लिखा गया. एक यात्री ने क्षुब्ध होकर टि्वटर पर लिखा कि दिल्ली एयरपोर्ट मछलीबाजार जैसा दिखता है. यहां हर स्तर पर सर्पीली कतारें और विस्तारा एयरलाइन के असहयोगी कर्मचारी हैं. डेढ़ घंटा पहले पहुंचने पर भी उन्होंने मुझे फ्लाइट में चढ़ने नहीं दिया. महंगी टिकट लेकर भी भारी असुविधा झेल रहे हैं. 

    इंदिरा गांधी इंटरनेशनल (आईजीआई) एयरपोर्ट के 3 टर्मिनल हैं जो कि देश का सबसे व्यस्त एयरपोर्ट है. यहां रोज 1200 फ्लाइट से 1.90 लाख हवाई यात्री आना-जाना करते हैं. विमानन मंत्री सिंधिया ने हालात का संक्षिप्त जायजा लेने के बाद घोषणा की कि सिविल एविएशन मंत्रालय ने एक्शन प्लान तैयार कर लिया है, जिसे तुरंत प्रभाव से लागू किया जाएगा. केन्द्र सरकार ने मोर्चा संभाल लिया है और यात्रियों को दिक्कतों से बचाने के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी सहित एयरलाइन कंपनियों को नोटिस जारी किया है. 

    देखना होगा कि यह वादा कितना खरा उतरता है क्योंकि अब क्रिसमस और ईयर एंड का ट्रैवल सीजन शुरू हो जाएगा. ठंड के मौसम में कोहरे से फ्लाइट में विलंब होता है या कैंसिल कर दी जाती है. ऐसे में लोग क्या उम्मीद करें? ठेके पर रखे एयरपोर्ट मैनेजमेंट के कर्मचारी जवाबदेही को लेकर गंभीर नहीं हैं. कई बार कनेक्टिंग फ्लाइट दो अलग-अलग टर्मिनल से रहती हैं, जिसके कारण यात्रियों को भागमभाम करने के अलावा दोबारा सिक्योरिटी चेक-इन की लंबी कतार में लगना पड़ता है जो बेहद असुविधाजनक है. इस संदर्भ में एयरलाइंस को गंभीरता से विचार करना चाहिए. 

    हवाई यात्रा कभी सिर्फ धनवान व्यक्ति, नेता, बड़े अधिकारी करते थे लेकिन अब जनसामान्य एयर ट्रैवल करने लगा है. कोविड आपदा खत्म होने के बाद हवाई यात्रा बढ़ी है. सच यह है कि दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरू विमानतलों पर भारी ट्रैफिक है जो कि वहां की क्षमता से कहीं ज्यादा है. चेन्नई और कोलकाता एयरपोर्ट का भी यही हाल है. नागरी उड्डयन मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 4 विमानतलों ने दिसंबर 2021 में 8.4 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया था. अब उपाय यही है कि एयरपोर्ट की संख्या बढ़ाई जाए. लैंडिंग क्षमता व आधारभूत ढांचा बढ़ाना होगा.