CM पद पर कायम रहते हुए जेल से सरकार चलाएंगे केजरीवाल

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लगता है समय की पदचाप दिल्ली के मुख्यमंत्री व आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सुन ली है. ईडी के समन से उन्हें और उनकी पार्टी के नेताओं को संकेत मिल गया है कि वह दिन दूर नहीं जब सत्येंद्र जैन और मनीष सिसोदिया के समान उन्हें भी जेल जाने की नौबत आ जाएगी. किसी नेता का मुख्यमंत्री होना गिरफ्तारी के रास्ते में बाधक नहीं बनता क्योंकि कानून के सामने सब बराबर हैं. वहां छोटा-बड़ा, ऊंच-नीच, गरीब-अमीर का कोई फर्क नहीं है.

ईडी ने समन भेजकर केजरीवाल को अपने सामने हाजिर होने को कहा था लेकिन ऐसा करने की बजाय अपने पूर्व नियोजित दौरे का हवाला देते हुए केजरीवाल चुनाव प्रचार के लिए मध्यप्रदेश निकल गए. उन्होंने ईडी को पत्र लिखकर पूछा कि उन्हें किस हैसियत से ईडी ने बुलाया है? वे इस मामले में संदिग्ध हैं या गवाह हैं, यह स्पष्ट किया जाए. इस समन के बाद आम आदमी पार्टी के कई नेता और स्वयं केजरीवाल गिरफ्तारी की आशंका जाहिर कर चुके हैं.

संभावना है कि ईडी उन्हें शीघ्र ही दूसरा नोटिस भेज सकती है. इस मुद्दे को लेकर केजरीवाल ने अपनी पार्टी के विधायकों की बैठक बुलाई जिसमें सभी विधायकों ने केजरवाल से अनुरोध किया कि गिरफ्तार किए जाने पर भी वह मुख्यमंत्री पद न छोड़ें और जेल के भीतर रहते हुए भी दिल्ली की जनता के लिए काम करते रहे. इस पर केजरीवाल ने आश्वस्त किया कि यदि उन्हें और अन्य मंत्रियों को गिरफ्तार कर लिया गया तो जेल के अंदर ही कैबिनेट की बैठक होगी और जेल में ही फैसले होंगे. बाहर जो विधायक रह जाएंगे, वे इन्हें लागू करवाएंगे. दिल्ली सरकार के अधिकारी भी बैठक करने और आदेश लेने के लिए जेल में जाएंगे. केजरीवाल ने आशंका जताई कि उन्हें जेल नंबर 1 में रखा जा सकता है जबकि आतिशी को जेल नंबर 2 में बंद किया जा सकता है.

केस झूठा होने का दावा

‘आप’ ने दावा किया कि एक्साइज पॉलिस या शराब घोटाले का केस झूठा और बेबुनियाद है. पार्टी के नेताओं के खिलाफ कोई सबूत नहीं है. पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, राज्यसभा सांसद संजय सिंह तथा पार्टी के संवाद प्रमुख विजय नायर गिरफ्तार किए जा चुके हैं जिनमें से किसी की भी जमानत मंजूर नहीं हुई है. मंत्री सौरभ भारद्वाज ने अन्य नेताओं की गिरफ्तारी की भी आशंका जताई. सर्वसम्मति से यह तय हुआ कि केजरीवाल गिरफ्तार किए गए तो जेल से सरकार चलाएंगे.

उन्हें दिल्ली की जनता ने सरकार चलाने के लिए निर्वाचित किया था. उन्हें जनादेश प्राप्त है. मंत्री आतिषी ने कहा कि लोगों ने किसी विधायक या पार्टी को नहीं बल्कि अरविंद केजरीवाल को वोट दिया था. मोदी सरकार चाहे जितने दिन केजरीवाल को जेल में रखे, वे दिल्ली के सीएम बने रहेंगे. उनकी जगह अन्य किसी को मुख्यमंत्री नहीं बनाया जाएगा. वे जेल में रहकर अपनी सरकार चलाएंगे. इसे लेकर आप के विधायकों में सर्व सम्मति है.

तकनीकी स्थिति क्या है

देश के इतिहास में किसी भी मुख्यमंत्री को पद पर रहते हुए गिरफ्तार नहीं किया गया. संविधान में भी ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि यदि मुख्यमंत्री को गिरफ्तार किया जाता है तो उसे इस्तीफा देना पड़ेगा. यहां लालूप्रसाद यादव की मिसाल दी जा सकती है जिन्होंने चारा घोटाला में अपनी गिरफ्तारी की आशंका देखते हुए बिहार के सीएम पद से इस्तीफा देकर अपनी पत्नी राबडी देवी को मुख्यमंत्री बनवा दिया था. चूंकि राबड़ी अनपढ़ थी इसलिए मंत्री और अफसर जेल जाकर लालूप्रसाद से निर्देश लिया करते थे. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर भी भ्रष्टाचार के आरोप हैं लेकिन फिलहाल वह गिरफ्तारी से बचे हुए हैं.