
क्रिकेट गेम ऑफ चांस कहलाता है. यह भी कहा जाता है कि कैचेस विन मैचेस. जो भारतीय क्रिकेट प्रेमी एडीलेड टेस्ट में टीम इंडिया के सिर्फ 36 रन पर ढेर हो जाने से सदमे में चले गए थे, उन्हें मेलबर्न टेस्ट (Melbourne Test) की शानदार जीत ने नया हौसला दिया है. इस दूसरे टेस्ट में भारत ने 8 विकेट से जीत दर्ज कर सीरीज 1-1 से बराबर कर ली है. अजिंक्य रहाणे ने अपनी शानदार कप्तानी से कंगारुओं से 10 दिन के भीतर ही पराजय का बदला ले लिया.
वैसे भी अजिंक्य (Ajinkya Rahane) के नेतृत्व में खेले गए 3 मैचों में भारत कभी नहीं हारा. मेलबर्न का मैदान भारत के लिए भाग्यशाली रहता आया है. इस दूसरे टेस्ट मैच से यह भी साबित हो गया कि विराट कोहली की गैरमौजूदगी में भी हमारी टीम जीत सकती है. रोहित, इशांत व शमी भी इस मैच में नहीं थे, फिर भी रहाणे का आत्मविश्वास व नेतृत्व जबरदस्त था. अपने पहले ही टेस्ट मैच में पदार्पण करने वाले सिराज ने 5 विकेट झटक कर सभी को आश्चर्य में डाल दिया. रविचंद्रन अश्विन भी बहुत अच्छे फार्म में रहे. उनके नाम पर सबसे अधिक 192 बार लेफ्ट हैंडर बल्लेबाजों को आउट करने का रिकार्ड दर्ज हो चुका है. 4 मैचों की सीरीज का तीसरा मैच 7 जनवरी से शुरू होगा जिसमें भारतीय टीम जोश के साथ उतरेगी. मेलबर्न टेस्ट शुभमन गिल और सिराज जैसे नए खिलाड़ियों के शानदार खेल के लिए याद रखा जाएगा. उनकी बदौलत भारत ने 4 दिन में ही टेस्ट समेट लिया.