कनाडा खुद अपना दामन देखे खलिस्तानी गुटों की लड़ाई में मारा गया था निज्जर

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कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो ने बेबुनियाद आरोप लगाया है कि खालिस्तान टाइगर फोर्स के मुखिया तथा वैंकोवर प्रांत स्थित सर्दे के गुरू नानक गुरुद्वारे के प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर की हत्या गत 18 जून को हुई. हत्या में भारतीय एजेंटों का हाथ था. ट्रूडो के पास इसका कोई विश्वसनीय सबूत नहीं है. निज्जर कनाडा की हिंसक गुरुद्वारा राजनीति में शामिल था और गैंगस्टर अर्शदीप सिंह उर्फ अर्श दल्लर से जुड़ा हुआ था. निज्जर का रिपुदमन सिंह मलिक से लंबे समय से टकराव चला आ रहा था.

मलिक 1985 में कनिष्क विमान को बम से उड़ाने के मामले का प्रमुख अभियुक्त था. इस विमान में सवार सभी 329 लोग मारे गए थे. हाल के वर्षों में मलिक का रवैया बदल गया था. उसने खलिस्तान आंदोलन की आलोचना शुरू कर दी थी और निज्जर पर आरोप लगाया था कि वह किसी विदेशी सरकार की एजेंसियों के लिए काम कर रहा है. मलिक का इशारा पाकिस्तान की ओर था. 23 जनवरी 2022 को निज्जर ने अपने भाषण में मलिक को कौम का गद्दार करार देते हुए उसे सबक सिखाने की बात कही थी. मलिक की 22 जून 2022 को गैंगवार … में हत्या कर दी गई.

मलिक भी रविंदर सिंह ‘भिंडी’ मांडेर गुट से जुड़ा हुआ था. मांडेर सजायाफ्ता हत्यारा व गैंगस्टर था. निज्जर गिरोहों की आपसी लड़ाइयों में शामिल था और अपराधी के हाथों ही मारा गया होगा. पहले भी 2 अन्य खालिस्तानी उग्रवादी मारे गए थे. परमजीत सिंह पंजवार की 6 मई को पाकिस्तान में हत्या हुई थी तथा अवतारसिह सांडा 15 जून को ब्रिटेन में मारा गया था. खांडा की मौत की जांच करनेवाले कोरोवर… की राय थी कि उसकी प्राकृतिक कारणों से मृत्यु हुई थी.

कनाडा और पाकिस्तान की एजेंसियां जांच में विफल रही थीं. निज्जर की हत्या उसके आपराधिक बैकग्राउंड की वजह से खालिस्तानी गुटों की आपसी लड़ाई में हुई. संगठित अपराधी गिरोहों से उसका संबंध था. भारतीय अधिकारियों के अनुसार वह पंजाब की आतंकी गतिविधियों से भी जुड़ा था. भारत को इस हत्या से जोड़ना शरारतपूर्ण है. पिछले 3 महीनों से कनाडा की एजेंसियों ने निज्जर की हत्या की सार्वजनिक रूप से कोई वजह नहीं बताई और न किसी तरह का साक्ष्य प्रस्तुत किया. अपुष्ट तरीके से भारत पर दुर्भाग्यपूर्ण आरोप लगाया जा रहा है.