EVM लेकर कब तक सवाल उठाता रहेगा विपक्ष

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विपक्ष आखिर ईवीएम को लेकर कब तक संदेह जताता रहेगा? भारत जैसे बड़े देश में जब मतपत्रों से चुनाव होते थे तब नतीजे आने में 24 से 48 घंटे का समय लग जाता था. बूथ पर कब्जा कर फर्जी मतदान और मतपेटियां चोरी जाने की घटनाएं भी होती थी. ईवीएम की वजह से चुनाव में सुगमता आ गई. नतीजे भी जल्दी मिलते हैं. वोटर भी इसे लेकर संतुष्ट हैं लेकिन विपक्षी पार्टियां ईवीएम पर बार-बार शक जाहिर करती हैं माना जा रहा है कि कुछ ऐसी रणनीति है कि ईवीएम को लेकर ऐसा माहौल खड़ा किया जाएगा जिससे बीजेपी की आधी ताकत ईवीएम पर सफाई देने में खर्च हो जाए. लोकसभा और विधानसभा चुनावों से पहले इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के मुद्दे पर विपक्ष पुन: एक बार आक्रामक हो गया है.

एनसीपी प्रमुख शरद पवार के निवास पर विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक हुई जिसमें सभी ने कहा कि ईवीएम को लेकर देश में संदेह है. चुनाव आयोग इस संबंध में शंकाओं को दूर करे और इस यंत्र के लिए इंटरनेट के इस्तेमाल और अनेक बार होनेवाली प्रोग्रामिंग के संबंध में प्रश्नों का उत्तर दे. कपिल सिब्बल ने कहा कि हम चुनाव आयोग के पास जाएंगे और लिखित में जवाब मांगेंगे. सिब्बल ने कहा कि अन्य कोई देश चुनाव कराने के लिए ईवीएम का उपयोग नहीं करता फिर भारत में ही क्यों इसका इस्तेमाल हो रहा है? कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने ईवीएम को लेकर शंकाएं जाहिर की.

अगर चुनाव आयोग हमारी चिंताओं का समाधान नहीं कर पाता तो हम राजनीतिक कार्रवाई करेंगे. सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश मदन लोकुर की अध्यक्षता में सिटिजन कमीशन ऑफ इलेक्शन्स (सीसीई) द्वारा दी गई रिपोर्ट के आधार पर ईवीएम के संबंध में संदेह जताते हुए चुनाव आयोग को 2 मई 2022 को प्रश्नावली दी गई थी जिसका उत्तर चुनाव आयोग ने नहीं दिया. हाल ही में प्रवासी मजदूरों की सुविधा के लिए रिमोट मतदान यंत्र को लेकर चुनाव आयोग ने बैठक बुलाई थी जिसमें सभी विपक्षी पार्टियों ने एक मत से रिमोट इलेक्ट्रानिक मतदान का विरोध किया था.

उन्होंने इस यंत्र का डिमोस्ट्रेशन देखने से भी इनकार किया था. दिग्विजय सिंह ने कहा कि पहले चुनाव आयोग ईवीएम को स्वतंत्र परिपूर्ण यंत्र बताता था लेकिन अब आयोग स्वीकार करता है कि यह स्टैंड एलोन मशीन नहीं है. इसमें इंटरनेट द्वारा उम्मीदवार का नाम और चुनाव चिन्ह डाला जा सकता है. इसी तरह उसकी प्रोग्रामिंग भी की जाती है. सिब्बल ने यह भी आरोप लगाया कि जब ईवीएम खराब होती है तो उसके वोट बीजेपी को जाते हैं. इसकी जानकारी जनता को भी है.