Mischief before G-20, Ladakh and Arunachal in China's new map

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विस्तारवादी चीन की छल-कपट वाली प्रवृत्ति से समूचा विश्व परिचित है. वह दूसरे देशों की जमीन पर बेशर्मी से अपना दावा करता है. अपने हर पड़ोसी देश के साथ चीन का सीमा विवाद है. शायद कम लोगों को मालूम होगा कि चीन ने मंगोलिया और रूस जैसे पड़ोसियों की जमीन पर भी अपना हक जताया है. जापान के कुछ द्वीपों को चीन अपना होने का दावा करता है.

यह एक विश्वासघाती और एहसान फरामोश देश है जो किसी का भी मित्र नहीं बन सकता. दोस्ती की आड़ में शोषण करना उसकी प्रवृत्ति है जिससे वह कभी बाज नहीं आता. अपनी बड़ी आबादी को बसाने के लिए वह पड़ोसी मुल्कों की जमीन में बस्तियां बनाता है. यह कितनी बड़ी शरारत है कि भारत में होनेवाले जी-20 शिखर सम्मेलन से पहले चीन ने अपने तथाकथित मानक मानचित्र के 2023 के संस्करण को जारी किया जिसमें लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश को उसने अपना हिस्सा बताने का दुस्साहस किया है.

चीन अरुणाचल को दक्षिण तिब्बत बताकर उस पर दावा करता है. कुछ माह पूर्व चीन के आऊझांग में हुए खेल आयोजन में भारतीय खिलाड़ियों ने इसलिए भाग नहीं लिया था क्योंकि चीन ने अरुणाचल के खिलाड़ियों को स्टेपल बीजा जारी किया था. इस तरह वह दिखाना चाहता था कि अरुणाचल उसी का है. पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी भारतीय सेना के जवानों की चीनी सैनिकों से मुठभेड़ हो चुकी है. दोनों देशों के 1-1 लाख सैनिक आमने-सामने तैनात है.

वार्ता के अनेक दौर हो जाने के बावजूद चीन कब्जाए हुए क्षेत्रों से पीछे हटने को तैयार नहीं है. भारत की 22,000 वर्ग मील जमीन चीन के कब्जे में है. भारतीयों के आस्था केंद्र कैलाश मानसरोवर भी चीन का कब्जा बना हुआ है. पिथौरागढ़ के बाद चीनी सैनिक अपनी देखरेख में भारतीय तीर्थयात्रियों को ले जाते हैं. चीन ने भारत को घेरने की साजिश के तहत श्रीलंका को कर्ज के जाल में फंसाया और हंबनटोटा बंदरगाह को विकसित करने के नाम पर लीज पर लिया. वहां उसका जासूसी जहाज भी आया था.

पाकिस्तान तो पूरी तरह चीन को अपना आका मानता है. व्यापार के जरिए भी चीन एशियाई देशों को अपने चंगुल में फंसा रहा है. नेपाल, भूटान, म्यांमार, बांग्लादेश सभी उसके प्रभाव में आ रहे हैं. चीन भूटान के पास बस्ती बना रहा है. ऐसे ही एलएसी के पास संवेदनशील इलाकों में वह गांव बनाने में लगा है. उसने एलएसी तक सड़कों का विस्तार कर लिया है. ताइवान को लेकर चीन की अमेरिका से ठनी हुई है. चीन के खतरनाक इरादे देखते हुए भारत, अमेरिका, जापान और आस्ट्रेलिया ने क्वाड संगठन बनाया है.