सिर्फ 1 शादी, 2 बच्चे असम में मिया मुस्लिमों पर सख्त बंदिशें

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असम में कई दशकों से बांग्लादेश से बड़े पैमाने पर घुसपैठ होती रही है जिससे वहां आबादी का असंतुलन बढ़ता गया और स्थानीय लोग खतरा महसूस करने लगे। पिछली गैर बीजेपी सरकारों के समय इसकी कोई सुनवाई नहीं थी और घुसपैठ पर कोई रोक नहीं लगाई जाती थी। वोटों की राजनीति के तहत भी ऐसा किया जाता था। अब असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी है कि बांग्लाभाषी मुसलमानों को, जो कि मिया (Miyan Muslims) कहलाते हैं, स्वदेशी की मान्यता चाहिए तो उन्हें बालविवाह और बहुविवाह जैसी प्रथाओं को छोड़ना होगा। ये लोग 2 से ज्यादा संतानों को जन्म नहीं दे सकेंगे, न ही अपनी नाबालिग बेटियों की शादी कर सकेंगे। 2-3 बार शादी करना असमिया संस्कृति नहीं है।  

मुख्यमंत्री ने शिक्षा पर जोर देते हुए मिया मुसलमानों को मदरसों से दूर रहने और मेडिकल इंजीनियरिंग जैसे फील्ड में फोकस करने को कहा, महिला अधिकारों पर जोर देते हुए सरमा ने कहा कि मिया मुस्लिम अपनी बेटियों को पढ़ाएं तथा पैतृक संपत्ति में उनका अधिकार अगर इन शर्तों को मानकर वे स्वदेशी होना चाहते हैं तो हमें कोई समस्या नहीं है। असमिया भाषी स्वदेशी मुस्लिम राज्य की कुल मुस्लिम आबादी का सिर्फ 37 प्रतिशत हैं, जबकि 63 प्रतिशत घुसपैठिए बांग्लाभाषी मुसलमान हैं जो कि मिया मुस्लिम कहलाते हैं, अब देखना होगा कि क्या ये बांग्लादेशी में फोकस करने को कहा। मुस्लिम मुख्यमंत्री द्वारा लगाई गई कड़ी शर्तों का पालन करते हैं? यदि उन्होंने इन बंदिशों का पालन नहीं किया तो राज्य सरकार अपने अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए उनकी नागरी सुविधाएं जैसे कि राशन कार्ड, सब्सिडी, वोटिंग का अधिकार रोक सकती है।

असम सरकार ने जमीन की खरीद-बिक्री को लेकर भी बड़ा आदेश जारी किया। यदि खरीदार और विक्रेता अलग-अलग धर्मों से हैं तो ऐसे मामले में उन्हें अनापत्ति पत्र (एनओसी) 3 महीने नहीं मिल सकेगा। वास्तव में लोकसभा चुनाव देखते हुए यह रोक लगाई गई है ताकि चुनाव के पहले या उसके दौरान कोई सांप्रदायिक तनाव न होने पाए। इसके पीछे अतिक्रमण रोकने का भी उद्देश्य है। असम सरकार को खुफिया सूत्रों से जानकारी मिली थी की कुछ स्थानों पर धार्मिक समुदायों से संबंधित भूमि को धोखाधड़ी से अन्य समुदायों को हस्तांतरित करने के लिए बोलियां लगाई जा रही हैं, इसलिए यह प्रतिबंध लगाया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई वैष्णव भूमि का अतिक्रमण करके स्वदेशी कैसे रह सकता है?

असम के मुख्यमंत्री हिमंतबिस्वा सरमा ने स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी है कि बांग्लाभाषी मुसलमानों को, जो कि मिया कहलाते हैं, स्वदेशी की मान्यता चाहिए तो उन्हें बालविवाह और बहुविवाह जैसी प्रथाओं को छोड़ना होगा, ये लोग 2 से ज्यादा संतानों को जन्म नहीं दे सकेंगे, न ही अपनी नाबालिग बेटियों की शादी कर सकेंगे। 2- 3 बार शादी करना असमिया संस्कृति नहीं है। मुख्यमंत्री ने शिक्षा पर जोर देते हुए मिया मुसलमानों को मदरसों से दूर रहने और मेडिकल- इंजीनियरिंग जैसे फील्ड में फोकस करने को कहा है।