यात्रियों को न लूटे एयरलाइंस टिकट दरों की सीमा निर्धारित की जाए

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एयरलाइंस की मुनाफाखोरी सर्वविदित है. जहां पर्यटन सीजन शुरू हुआ, सभी एयरलाइंस टिकटों की कीमत अनापशनाप बढ़ा देती हैं. चाहे दीपावली, क्रिसमस की छुट्टियां हों या ग्रीष्मावकाश, हर बार यही सिलसिला देखा जाता है. हवाई यात्रियों से ऐसे वक्त जानबूझकर ज्यादा रकम वसूली जाती है. एक तरह से उनकी मजबूरी का एयरलाइंस फायदा उठाती है. छुट्टियों में लोग घर जाते हैं तो कितने ही लोग सपरिवार पर्यटन का प्लान बनाते हैं. इस समय विमान सेवाएं मनमाने ढंग से यात्री किराया महंगा कर देती है. उन्हें कोई रोकने-टोकने वाला है ही नहीं. कितने ही वर्षों से ऐसा होता आ रहा है.

यह समझ के बाहर है कि न तो हवाई ईंधन महंगा हुआ है, न फ्लाइट की कमी है फिर टिकट दर में इतनी ज्यादा वृद्धि करने का औचित्य क्या है? इस मुद्दे पर ध्यान देते हुए परिवहन, पर्यटन और संस्कृति से जुड़े विभागों द्वारा बनाई गई संसदीय समिति ने अपनी सिफारिशें संसद में पेश कीं. इसमें कहा गया कि पर्यटन सीजन में हवाई यात्रा की टिकटों के दाम अचानक बढ़ने की शिकायतें आ रही हैं. एक ओर तो सरकार सामान्य जनों के लिए टिकट सस्ता करने की योजना बनाती है, हवाई यात्रा की क्षमता भी बढ़ाई जा रही है लेकिन दूसरी ओर उसी अनुपात में विमान लाकर क्षमता का विस्तार नहीं हुआ है.

इससे मांग ज्यादा होने पर भी टिकटों की कमी बनी रहती है और कीमत भी बढ़ती है. संसदीय समिति ने सिफारिश की कि अंतरराष्ट्रीय उड्डयन मानकों के अनुरूप टिकट दरों की रेंज बन रही है फिर भी नागरी उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) व मंत्रालय इन पर करीब से निगरानी रखें. विभिन्न एयरलाइंस की वेबसाइटों पर भी नजर रखने के लिए व्यवस्था बने ताकि वे यात्रियों को दिग्भ्रमित न करें. जो भी एयरलाइंस टिकट दरों की सही जानकारी प्रकाशित नहीं करतीं, उन पर जुर्माना लगाया जाए. संसदीय पैनल ने सरकार से आग्रह किया कि नागरी उड्डयन मंत्रालय हवाई यात्रा की टिकटों की अधिकतम व न्यूनतम कीमतों की सीमा तय करे.

मुक्त या खुली अर्थव्यवस्था के नाम पर हवाई यात्रियों को लूटने के तौरतरीके अपनाने से एयरलाइंस को रोका जाए. इसी तरह एयरलाइंस के कारोबारी हितों के बीच संतुलन कायम किया जाए. फिलहाल मंत्रालय के पास एअरक्राफ्ट रुल्स 1937 के तहत ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है जिसके जरिए मुनाफे की तार्किक सीमा से बाहर बढ़ रही कीमतों को स्वीकार्य सीमा पर नियंत्रित रखा जा सके.