मर्यादा का ध्यान रखा जाए, अपमानजनक टिप्पणी से बाज आएं नेता

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चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) के मौके पर प्रतिद्वंद्विता को कटुता में बदलते देर नहीं लगती। कितने ही नेता वाणी पर संयम न रखकर अनर्गल बोल जाते हैं या फिर सोशल मीडिया पर ऐसी पोस्ट की जाती है जो निहायत आपत्तिजनक होती है। वैचारिक मतभेद स्वस्थ लोकतंत्र की पहचान है लेकिन मतभेद को दुश्मनी में बदलने की इजाजत नहीं दी जा सकती।

बहस हमेशा मुद्दों को लेकर होनी चाहिए। किसी पर व्यक्तिगत लाछन लगाना सभ्यता नहीं है। जो मर्यादा को ताक पर रख देता है, उसे जनता भी पसंद नहीं करती। चुनाव आयोग ने बीजेपी नेता दिलीप घोष (BJP leader Dilip Ghosh) व कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत (Congress leader Supriya Shrinate) से उनके आपत्तिजनक बयानों पर कैफियत मांगी है। आयोग ने इन नेताओं के बयान को आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करार देते हुए कहा कि इन लोगों ने जो टिप्पणी की है, वह अमर्यादित और आपत्तिजनक है जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। निर्वाचन आयोग की ओर से 2024 के आम चुनाव में आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए जारी किया गया यह पहला नोटिस है।

जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आता चला जा रहा है, राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों की जुबान तीखी हो चली है। खेद है कि देश की 2 बड़ी पार्टियों के नेताओं ने स्तरहीन यौन विषयक टिप्पणियां कीं। कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता व सोशल मीडिया प्रमुख सुप्रिया श्रीनेत ने हिमाचल प्रदेश के मंडी से बीजेपी की लोकसभा प्रत्याशी व फिल्म अभिनेत्री कंगना रानौत को निशाने पर लेते हुए पोस्ट किया- ‘क्या भाव चल रहा है मंडी में?’ दूसरी ओर बीजेपी नेता दिलीप घोष ने बंगाल की मुख्यमंत्री व टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी से अपने पिता को पहचानने की बात कह डाली। घोष ने कहा कि जब ममता गोवा जाती हैं तो कहती हैं कि वह गोवा की बेटी हैं। त्रिपुरा में कहती हैं कि वह त्रिपुरा की बेटी हैं।

उन्होंने टीएमसी के 2021 के चुनावी नारे ‘बांग्ला निर्जर मेयेके चाई’ (बंगाल अपनी बेटी चाहता है) का मजाक उड़ाया। इस पर टीएमसी ने भड़कते हुए ‘एक्स’ पर पोस्ट किया कि दिलीप घोष राजनीतिक नेतृत्व के नाम पर कलंक हैं। ममता बनर्जी की वंशावली पर सवाल उठाकर वह नैतिक दिवालियापन की गंदी गहराइयों में डूब गए हैं। सुप्रिया श्रीनेत की टिप्पणी पर राष्ट्रीय महिला आयोग ने स्वतः संज्ञान लेते हुए चुनाव आयोग से शिकायत की। उधर कांग्रेस नेतृत्व ने भी अपने नेताओं को अमर्यादित टिप्पणी नहीं करने की हिदायत दी। हिमाचल प्रदेश के कांग्रेसी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कंगना को हिमाचल की बेटी बताया और कहा कि कंगना के पिता मंडी में कांग्रेस महासचिव रहे हैं। सुप्रिया श्रीनेत ने सफाई देते हुए कहा कि यह पोस्ट किसी अन्य व्यक्ति ने की, जिसकी उनके अकाउंट तक पहुंच है। जो भी हो, ऐसी अपमानजनक टिप्पणी नहीं की जानी चाहिए जिससे किसी का दिल दुखे।

आयोग ने इन नेताओं के बयान को आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करार देते हुए कहा कि इन लोगों ने जो टिप्पणी की है, वह अमर्यादित और आपत्तिजनक है जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। निर्वाचन आयोग की ओर से 2024 के आम चुनाव में आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए जारी किया गया यह पहला नोटिस है।