कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnataka High Court) ने राज्य के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा (B.S. Yediyurappa) के खिलाफ भूमि घोटाले (Land Denotification Case) का मामला फिर खोलने का निर्देश स्पेशल कोर्ट को दिया है. 2012 में येदियुरप्पा ने लैंड डिनोटिफिकेश का आदेश जारी किया था. इस मामले को सेशन्स कोर्ट ने खारिज कर दिया था. कांग्रेस के प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी (Abhishek Singhvi) ने कहा कि इस मामले में प्रधान मंत्री मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अपना मौन तोड़ना चाहिए और बताना चाहिए कर्नाटक हाई कोर्ट के निर्णय के बावजूद येदियुरप्पा कैसे अपने पद पर बने हुए हैं.
येदियुरप्पा को कथित भूमि घोटाले में लोकायुक्त ने चार्जशीट दी थी. वे अंतरिम स्टे लेकर अपने पद पर बने हुए हैं. यदियुरप्पा ने अपनी गिरफ्तारी रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट से स्टे लिया था. सिंघवी ने कहा कि सत्ता भ्रष्ट नहीं बनाती बल्कि सत्ता खो देने का भय भ्रष्ट बना देता है. येदियुरप्पा में कोई नैतिकता नहीं है. हाई कोर्ट की 3 कड़ी टिप्पणियों (स्ट्रिक्चर्स) के बावजूद वे बेशर्मी से अपने पद पर बने हुए हैं. प्रधानमंत्री व गृह मंत्री इसकी अनदेखी कर रहे हैं. अब भूमि घोटाले का मामला फिर खुल रहा है तो यदि को पद पर रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है.