बेरूत धमाके पर सरकार के विरोध में भारी प्रदर्शन

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लेबनान की राजधानी बेरूत में बंदरगाह पर अनेक वर्षों से रखे हुए अमोनियम नाइट्रेट के जखीरे में भयानक विस्फोट होने से 160 से ज्यादा लोगों की मौत तथा 6,000 घायल होने के अलावा सैकड़ों इमारतें ध्वस्त हो गईं. यह ऐसी विनाशलीला थी जिसके लिए कुप्रबंधन, भ्रष्टाचार और प्रशासन की लापरवाही को जिम्मेदार माना जा सकता है. इस हादसे ने भोपाल गैस कांड की याद दिला दी. बेरूत में शहर के निकट गोदाम में पिछले 6 वर्ष से बिना किसी सुरक्षा व्यवस्था के 2,750 टन अमोनियम नाइट्रेट रखा हुआ था. यूं तो इसका इस्तेमाल खाद बनाने के लिए किया जाता है लेकिन जिससे धमाका हुआ, वह विस्फोटक ग्रेड का अमोनियम नाइट्रेट था. इस जानलेवा विस्फोट के बाद जनता सरकार के विरोध में सड़कों पर उतर आई. सुरक्षा बलों से हिंसक झड़प में सैकड़ों लोग घायल हो गए.

लोग सरकार से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. प्रदर्शनकारियों ने 4 मंत्रालयों व एसोसिएशन आफ बैंक की इमारत पर भी धावा बोल दिया. इस धमाके के बाद व्याप्त भारी जन असंतोष के बीच लेबनान की सूचना मंत्री मनल अब्दुल समद ने इस्तीफा दे दिया. पर्यावरण मंत्री भी इस्तीफा दे सकते हैं. इससे लेबनान के प्रधानमंत्री हसन दियाब के लिए परेशानियां बढ़ सकती हैं. बेरूत के हादसे से भारत को भी सबक लेना चाहिए. चेन्नई बंदरगाह पर भी 740 टन अमोनियम नाइट्रेट रखा है. इसे यह कहकर सुरक्षित बताया जा रहा है कि विस्फोटक सामग्री रखे जाने के स्थान के आसपास 2 किलोमीटर तक कोई आबादी नहीं है. चेन्नई में आयात नियमों का उल्लंघन करने के कारण जब्त यह विस्फोटक 5 वर्ष से रखा हुआ है जो किसी बड़े हादसे की वजह बन सकता है. दुर्घटनाएं बताकर नहीं होतीं. देश में केमिकल कारखानों, उद्योगों के बायलरों की समुचित देखरेख जरूरी है.

इसमें कहीं कोई ढील नहीं दी जानी चाहिए. जिलेटिन की छड़ें, खदान में प्रयुक्त किया जाने वाला डायनामाइट आदि के रखरखाव में भी कड़ी सुरक्षा बरतनी होगी. समुचित निगरानी के अभाव में अवैध रूप से विस्फोटक लाए व उतारे जाते हैं. 1992 में मुंबई सीरियल ब्लास्ट में इस्तेमाल की गई विस्फोटक सामग्री रायगढ़ के निकट बंदरगाह पर उतारी गई थी. इसलिए सुरक्षा एजेंसियों को सदैव सतर्कता बरतनी जरूरी है. जिन उद्योगों में विस्फोटक या ज्वलनशील रसायनों का उपयोग होता है, वहां विशेष ध्यान देना होगा क्योंकि किसी भी तरह की गफलत या लापरवाही जानलेवा साबित होती है, इसलिए एहतियात जरूरी है.