नंदूरवार के कलेक्टर की दूरदर्शिता पहले ही आक्सीजन प्लांट लगवाया

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    सरकारी अधिकारी सिर्फ हुक्म का पालन करने तक ही सीमित नहीं रहने चाहिए उनकी अपनी भी मौलिक सोच व सूझबूझ होनी चाहिए. नंदूरवार के जिलाधिकारी डा. राजेंद्र भरुद कारोना महामारी के खतरे के प्रति सजग थे. इसलिए वे कोरोना की पहली लहर कमजोर पड़ने पर भी पिछले सितंबर से सरकारी अस्पताल में 600 लीटर प्रति मिनिट क्षमता वाले लिक्विड आक्सीजन संयंत्र को लगवाने में व्यस्त थे. मुंबई से 400 किमी दूर नंदूरवार आदिवासी बहुल जिला है जहां पहले ही सुविधाओं की कमी थी.

    यदि वहां  आक्सीजन की सप्लाई के लिए अन्य स्थानों पर निर्भर रहना पड़ता तो कोरोना से होने वाली मौत के मामले बहुत अधिक बढ़ जाते. इसे देखते हुए जिलाधिकारी डा. भरुद का आक्सीजन संयंत्र लगाने का फैसला बिल्कुल उचित साबित हुआ. जिला प्रशासन ने वहां और 2 संयंत्र लगाए हैं. यदि सभी अधिकारी इसी तरह प्रतिबद्ध हों तो सही अर्थों में जनकल्याण संभव हो सकेगा. ऐसे समय जब महाराष्ट्र के लगभग सभी जिले आक्सीजन की कमी के संकट से जूझ रहे हैं तो नंदूरवार के कलेक्टर ने समय रहते दूरदृष्टि से काम किया और उनकी इस आदर्श पहल के कारण नंदूरवार जिले में आक्सीजन की किल्लत नहीं होने पाई.