नरेंद्र मोदी-प्रखर नेतृत्व, सेवा व समर्पण की मिसाल

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    स्वयं की चिंता तो प्रत्येक व्यक्ति करता है. लेकिन समाज के लिये जो स्वयं को संकट में डालकर संघर्ष करते हैं. वास्तव में वे ही वास्तविक ‘‘नेतृत्वकर्ता’’ अथवा ‘‘नायक’’ कहलाते हैं. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शासन संभालने के बाद इस बात को चरितार्थ किया है. उन्होंने देश की अखंडता एकता को सुरक्षित रखते आर्थिक, राजनीतिक, सामाजिक क्षेत्र समेत विश्व में भारत को प्रतिष्ठित किया. उनकी प्रतिबद्धता, सेवा एवं समर्पण ने भारत को विश्व में अग्रणी बनाया है.

    नरेंद्र मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 को बडनग्र (गुजरात) में हुआ था. उनका जीवन अत्यंत संघर्षपूर्ण था. उन्होंने रेल्वे स्टेशन पर पिताजी के साथ चाय बेचने का काम भी किया था. उन्होंने अभाविप से कार्य प्रारंभ करते आरएसएस के प्रचारक रहते हुये 1980 में गुजरात विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त की. 1975 में आपातकाल के दौरान उन्होंने छिपकर सहायता संबंधी कार्य किया. सन 1985 में वे भाजपा में आये सन् 2001 तक अनेक महत्वपूर्ण दायित्वों में रहे. उन्होंने लालकृष्ण आडवनी की अयोध्या रथ यात्रा एवं मुरली मनोहर जोशी की कश्मीर से कन्याकुमारी की एकता यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

    गुजरात के CM से देश के PM तक

    2001 में गुजरात के तात्कालीन मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल के अस्वस्थ होने के कारण उन्हें गुजरात का मुख्यमंत्री बनाया गया तथा उनके सुशासन एवं विकास के कार्यों के परिणाम स्वरूप गुजरात की जनता ने उन्हें 4बार मुख्यमंत्री चुना, जो ऐतिहासिक उपलब्धि थी. मोदी ने पं. दीनदयाल उपाध्याय की अन्तयोदय की अवधारणा को ध्यान में रखते हुए गुजरात में पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति तक विकास का लाभ पहुंचाया. बीजेपी ने 2014 में नरेंद्र मोदी को देश के प्रधानमंत्री का उम्मीदवार घोषित किया तथा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने उनके नेतृत्व में ऐतिहासिक सफलता प्राप्त की. एनडीए को 336 सीटें तथा भाजपा को 282 सीटें प्राप्त हुईं.

    ऐतिहासिक निर्णय लिए

    देश के प्रधानमंत्री का दायित्व लेने के तत्काल बाद मोदी ने ऐतिहासिक निर्णय लिये जो न भूतो न भविष्यति की अवधारणा को स्पष्ट करते थे इसके अलावा रक्षा बजट में 11 प्रतिशत की वृद्धि की तथा वर्षों से चली आ रही ‘‘वन रैंक वन पेंशन’’ को स्वीकार किया गया. अपने 7 वर्षों के कार्यकाल में उन्होंने आम जनता के लिये ऐतिहासिक योजनाओं को प्रारंभ किया एवं पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का काम भी किया.

    विशिष्ट कानून बनाए

    मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने कुछ विशिष्ट अधिनियमों को लोकसभा में राज्यसभा में पारित कराया. इनमें नागरिकता संशोधन कानून 2019 जिसमें पाकिस्तान, बंगलादेश एवं अफगानिस्तान से आये हिंदु, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी एवं ईसाइयों को नागरिकता का प्रावधान किया गया. इसके अलावा देश के श्रम कानून में परिवर्तन से 50 करोड़ से ज्यादा श्रमिकों को लाभ प्राप्त हुआ. मुस्लिम महिलाओं के लिये ट्रिपल तलाक बंदी कानून तथा कृषि कानून संशोधन 2020 को पारित कर छोटे एवं सीमांत किसानों को सुरक्षा प्रदान की तथा आय में वृद्धि की स्थिति उत्पन्न की. 

    इसके अलावा उच्चतम न्यायालय के निर्णय के आधार पर श्री रामजन्म भूमि के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ. इसके अलावा काश्मीर से धारा 370 तथा 35ए की समाप्ति ने देश की अखंडता को मजबूती प्रदान की है. इस प्रकार देश में आजादी के बाद से चली आ रही समस्याओं का निदान कर ऐतिहासिक निर्णय लिये.

    महामारी से संघर्ष एवं राहत

    विश्व समेत देश में 2019 से प्रारंभ कोरोना महामारी ने संपूर्ण अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया. इस महामारी ने लाखों व्यक्तियों को कालकवलित किया. परंतु प्रधानमंत्री मोदी ने धैर्यपूर्वक, संघर्ष करते हुये प्रत्येक क्षेत्र में  व्यापक राहत प्रदान की. वहीं तीसरी लहर की संभावनाओं को देखते हुए व्यापक स्तर पर वैक्सीनेशन एवं चिकित्सीय उपलब्धतायें सुनिश्चित की जा रही है.