जहां चाह वहां राह आशा के गाने से खुश अमित शाह

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पड़ोसी ने हमसे कहा, “निशानेबाज, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) की स्पेशल फरमाइश पर 90 वर्षीय आशा भोसले (Asha Bhosle) ने उनके लिए गाना गाया- अभी ना जाओ छोड़कर कि दिल अभी भरा नहीं! इस पर आपकी क्या प्रतिक्रिया है?” 

हमने कहा, “सदियों से यही सिलसिला चला आ रहा है कि बड़े-बड़े शाह- बादशाह फरमाइश करते हैं और उनकी महफिल में कोई सुमधुर गायिका गीत सुनाती है।  अमित शाह ने इस परंपरा को कायम रखा है।  राजनीति में रहकर भी वे रसिक हैं।  उनकी रसिकता को देखते हुए आशा भोसले गा सकती थीं- रसिक बलमा, दिल क्यों लगाया तूने, दिल क्यों लगाया!” 

पड़ोसी ने कहा, “निशानेबाज, यह ठुमरी लता मंगेशकर ने गाई थी इसलिए आशा इसे नहीं गा सकती थीं।  आशा भोसले ने ज्यादातर ऐसे गीत गाए जिनका संगीत निर्देशन ओपी नैयर या आरडी बर्मन ने किया था।  वह चाहतीं तो महफिल की शुरुआत करते हुए गा सकती थीं- • आइए मेहरबां, बैठिए जाने जां, शौक से लीजिए इश्क के इम्तेहां!” 

हमने कहा, “यह कोई संगीत की महफिल नहीं थी बल्कि ‘बेस्ट ऑफ आशा भोसले’ पुस्तक का अनावरण कार्यक्रम था।  इस पुस्तक में नामी फोटोग्राफर गौतम राजाध्यक्ष द्वारा खींची गई आशा की तस्वीरों का संकलन, उनके गाने, गायनशैली और जीवन प्रवास का समावेश है।  इस अवसर पर अमित शाह ने महाराष्ट्र भूषण आशा भोसले से एक गीत सुनाने का अनुरोध किया।  आशा ने तत्काल शाह की चाह पूरी की। ” 

पड़ोसी ने कहा, “निशानेबाज, सभी जानते हैं कि रेडियो सिलोन पर ‘आपकी पसंद’ नामक फिल्मी गीतों का प्रोग्राम आता था, जिसके लिए खास तौर पर झुमरीतलैया से चिट्ठी लिखकर लोग फरमाइश भेजा करते थे। ” 

हमने कहा, “भूल जाइए झुमरीतलैया को, अभी तो अमित शाह की फरमाइश पूरी कर आशा ने उनका दिल जीत लिया।  गाने के बोल बीजेपी के लिए थे अभी ना जाओ छोड़कर कि दिल अभी भरा नहीं! इस गीत को सुनकर ‘अबकी बार 400 पार’ वाले एक और टर्म के लिए अमित शाह और उनकी पार्टी का उत्साह बढ़ा होगा। “