मीठे आम का सीजन नजदीक,आम आदमी पार्टी को ED की किक

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पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, आम चुनाव के मुहाने पर आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के संयोजक अरविंद केजरीवाल गिरफ्तार कर लिए गए। ऐसे में देश की आम जनता की क्या प्रतिक्रिया होगी?’’ 

हमने कहा, ‘‘आम तौर पर सवाल यह पूछा जा रहा है कि क्या केजरीवाल की पार्टी को सहानुभूति लहर का लाभ मिलेगा? आपको याद होगा कि इंदिरा गांधी सहानुभूति लहर पर सवार होकर 1980 में फिर सत्ता पर आई थीं। उनकी छवि सताई हुई नारी की बन गई थी जिन्हें जनता पार्टी सरकार ने केटी शाह आयोग के सम्मुख पेश किया था। ’’ 

पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, इंदिरा गांधी का मामला एक अपवाद था। केजरीवाल का मामला अलग है। अपने इस शिष्य के बारे में समाजसेवी अन्ना हजारे ने कहा कि केजरीवाल की गिरफ्तारी उनके कर्मों का नतीजा है। एक समय आम आदमी पार्टी में सहयोगी रहे कवि व वक्ता कुमार विश्वास ने कहा कर्म प्रधान विश्व करि राखा जो जस करई सो तस फल चाखा!’’ 

हमने कहा, ‘‘इसे दूसरे नजरिये से देखिए। बीजेपी ने विपक्षी पार्टियों के जिन दागियों को अपने साथ ले लिया, उनकी जांच ठंडे बस्ते में डाल दी गई। जो विपक्षी बीजेपी के सामने अकड़ता है, उसे ही जांच एजेंसी का अधिकारी पकड़ता है। केजरीवाल की लीडरशिप को देखिए। सिर्फ एक दशक में उन्होंने अपनी पार्टी को राष्ट्रीय स्तर की पार्टी बनवा दिया। दिल्ली और पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है। अन्य राज्यों में भी इस पार्टी की मौजूदगी है। केजरीवाल आईआईटी खड़गपुर के टॉपर हैं। उन्होंने मदर टेरेसा की संस्था में शामिल होकर सेवा कार्य किया। आईआरएस की परीक्षा पास की। इनकम टैक्स के ज्वाइंट कमिश्नर रहे। इतना होने पर भी वह आम आदमी हैं। ’’ 

पड़ोसी ने कहा, ‘‘ जब कोई व्यक्ति सत्ता में आकर आम के आम और गुठलियों के दाम वसूल करने लगे तो उसकी असली नीयत मालूम पड़ जाती है। जब घोटाले उजागर होते हैं तो ईमानदारी का नकली मुखौटा उतर जाता है। ईडी ने कोर्ट में केजरीवाल को शराब घोटाले का सरगना बताया। ’’ 

हमने कहा, ‘‘आम आदमी पार्टी सरकार की ट्रेजेडी यह है कि अब तक उसके 17 बड़े नेता गिरफ्तार किए गए। उपमुख्यमंत्री रहे मनीष सिसोदिया 1 वर्ष से ज्यादा समय से जेल में हैं। आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार अपने प्रचंड बहुमत के बावजूद मजबूर है क्योंकि वहां एलजी ही असली बॉस हैं। इस सरकार ने बिजली, पानी मुफ्त देने, महिलाओं की मुफ्त बस यात्रा, मोहल्ला क्लीनिक, स्कूलों का दर्जा सुधारने जैसी योजनाओं का खूब ढिंढोरा पीटा लेकिन शराब घोटाले में सब कुछ डूबता नजर आ रहा है। रसीले मीठे आम का मौसम आ रहा है लेकिन आम आदमी पार्टी का बेड़ा गर्क हो रहा है। ’’