हर नेता के नाम में ‘मोदी का परिवार’ लालू के फिकरे पर BJP का वार

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पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, एक समय ऐसा भी था जब देश में पारिवारिक फिल्में खूब बना करती थीं जिन्हें सपरिवार देखने में कोई संकोच नहीं होता था। जैमिनी और एवीएम प्रोडक्शन की फिल्में ऐसी ही रहती थीं जिनमें परिवार टूटता-बिखरता था और अंत में फिर एक हो जाता था। इन पारिवारिक फिल्मों के नाम आम तौर पर भाई-भाई, सौतेला भाई, भाभी, देवर, सौ दिन सास के, बेटा, घर बसा के देखो, गृहस्थी आदि हुआ करते थे।’’

हमने कहा, ‘‘इन दिनों राजनीति में परिवार का विषय जोरशोर से गूंजने लगा है। शुरूआत लालू प्रसाद यादव ने की। 7 बेटियों और 2 बेटों के पिता लालू ने कहा कि जिनका खुद का परिवार नहीं होता वे परिवारवाद की आलोचना करते हैं। उनके निशाने पर प्रधानमंत्री मोदी थे। इसके बाद बीजेपी ने भी अपने तरीके से करारा जवाब दिया। बीजेपी के तमाम बड़े नेताओं ने अपने ‘एक्स’ के बायो में अपने नाम के साथ ‘मोदी का परिवार’ लिख दिया। ऐसे नेताओं में अमित शाह, नितिन गडकरी, जेपी नड्डा आदि का समावेश है। अब मानकर चलिए कि बीजेपी का हर कार्यकर्ता अपने नाम के साथ ‘मोदी का परिवार’ वाला टैग लगाएगा।’’

पड़ोसी ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 140 करोड़ भारतवासी मेरा परिवार हैं। यह परिवारवाद की राजनीति करनेवाले विपक्षी नेताओं को करारा जवाब है। मोदी हमेशा विपक्ष के नहले पर दहला जड़ते हैं। जब 2019 में कांग्रेस ने ‘चौकीदार चोर है’ कहा था तो बीजेपी के सभी नेताओं ने जवाब में ‘मैं भी चौकीदार’ नारा दिया था। एक बीजेपी नेता की कंपनी के लाखों चौकीदार पीएम के समर्थन में सड़क पर उतर आए थे।’’

हमने कहा, ‘‘परिवार नियोजन के युग में मोदी बीजेपी परिवार का व्यापक विस्तार करना चाहते हैं। पन्ना प्रमुख, बूथ प्रमुख से लेकर पार्टी के असंख्य कार्यकर्ता सभी तो उनका परिवार है। मोदी ने वसुदैव कुटुम्बकम का नारा देकर समूचे विश्व को एक परिवार करार दिया है। संयुक्त परिवार में हर प्रकार के लोग रहते हैं, इसलिए विपक्ष के दागी और भारी भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे नेता भी बीजेपी के कुनबे में मजे से शामिल होकर सुरक्षित हो गए हैं। उन पर जांच एजेंसियों की आंच नहीं आ सकती। आम चुनाव में देश की सबसे पुरानी कांग्रेस पार्टी का मुकाबला विश्व की सबसे बड़ी पार्टी कहलानेवाली बीजेपी से होगा।’’