नागपुरी चायवाले की खुशहाली, बिल गेट्स को पिलाई चाय की प्याली

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पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, चायवाले की तकदीर बहुत बुलंद होती है। वह चाय बेचते-बेचते लोगों की सद्भावना और प्रेम हासिल करते हुए जाने कहां से कहां पहुंच जाता है।’’

हमने कहा, ‘‘आपका आशय हमारी समझ में आ गया। आप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बात कर रहे हैं जिनके पिता का गुजरात के वडनगर रेलवे स्टेशन पर टी स्टाल था और मोदी अपने बचपन में केटली और कप लेकर ट्रेन के यात्रियों को चाय पिलाया करते थे। उन्होंने परिस्थितियों से संघर्ष किया और देश के पीएम बन गए। अमेरिका में भी कितने ही नामी और सफल व्यक्तियों की ऐसी ही सफलता की कहानी या सक्सेस स्टोरी है जहां उद्यमी लोगों ने रैग्स टु रिचेस अथवा शून्य से समृद्धि तक का सफर तय किया। अब्राहम लिंकन यह कहने में नहीं शरमाए कि आई वाज बॉर्न इन ए लॉग केबिन अर्थात लकड़ी की बनी एक छोटी सी खोली मेरा जन्म हुआ। हिल्टन होटल सीरीज के संस्थापक कोनराड हिल्टन ने भी गरीबी से निकल कर संपन्नता का शिखर तय किया। उनकी आत्मकथा ‘बी माय गेस्ट’ में इसका उल्लेख है। हमारे देश में कोई भी रईस अपने शुरूआती वर्षों की विपरीत परिस्थितियों व जीवन संघर्ष के बारे में बताना पसंद नहीं करता।’’

पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, पहले नागपुर के उस चायवाले का किस्सा तो सुन लीजिए जिसने हैदराबाद में माइक्रोसॉफ्ट के फाउंडर बिल गेट्स को चाय पिलाई। डॉली चायवाला की टपरी पर चाय पीकर बिल गेट्स ने सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट किया- इंडिया आए और चाय नहीं पिए तो क्या किया। उन्होंने कहा कि भारत में कहीं भी जाएं तो इनोवेशन (नवोन्मेष) मिलेगा, चाहे चाय की प्याली तैयार करने में भी क्यों न हो।’’

हमने कहा, ‘‘ऐसी कौन सी खास बात थी जो बिल गेट्स जैसे खरबपति डॉली चायवाले की स्टाइल पर मुग्ध हो गए?’’

पड़ोसी ने कहा, ‘‘डॉली चायवाला फिल्म अभिनेता रजनीकांत के अंदाज में चाय बनाता और पेश करता है। वह चाय को बार-बार चमचे से उबालने के अलावा दूध का पैकेट खोलकर काफी ऊपर से दूध की धार सीधे चाय के बर्तन में डालता है। एक साथ कई ग्लास हाथ में लेकर बड़ी स्टाइल से झूमकर ग्राहकों को चाय देता है। बिल गेट्स उसकी इसी अदा के कायल हो गए। अमेरिका में ज्यादातर लोग कॉफी पीते हैं या ब्लैक टी पसंद करते हैं। इस चायवाले ने दूध चीनी मिली हुई मीठी चाय पिलाकर बिल का दिल जीत लिया।’’