सिद्धू को कड़ी फटकार निकाल बाहर करो बेतुके सलाहकार

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    पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोतसिंह सिद्धू से कहा है कि वे अपने सलाहकारों को बर्खास्त कर दें. यदि सिद्धू ऐसा नहीं करते तो फिर पार्टी इन सलाहकारों की छुट्टी कर देगी. हम नहीं चाहते कि ऐसे गलत लोग पार्टी को शर्मिंदा करें. इन सलाहकारों को पार्टी ने नियुक्त नहीं किया था. इस बारे में आपकी क्या राय है?’’ हमने कहा, ‘‘सलाहकार या चमचों को पार्टी नियुक्त नहीं करती, वे खुद ही आकर चिपक जाते हैं. नेता भी खुशी से उन्हें सीने से लगा लेता है. सलाहकार चहकता है तो नेता भी उसके कहने से बहकता है. वैसे देखें तो सलाहकारों का सिलसिला पुराना है.

    बादशाह अकबर पढ़ना-लिखना नहीं जानता था इसलिए उसने नवरत्न के रूप में 9 सलाहकार नियुक्त कर रखे थे, लेकिन ज्यादातर वह बीरबल की सलाह लिया करता था.’’ पड़ोसी ने कहा,‘‘निशानेबाज, यदि सलाहकार गलत हुए तो बेड़ा गर्क कर देते हैं. दुर्योधन को शकुनि मामा जैसा कुटिल सलाहकार मिला था जिसकी करनी की वजह से कौरव वंश का नाश हो गया. रावण अपने छोटे भाई विभीषण की उचित सलाह मान लेता तो उसका सर्वनाश नहीं होता. इतने अच्छे सलाहकार को उसने लात मारकर निकाल दिया और चापलूसों की सुनता रहा.’’ हमने कहा, ‘‘सलाहकारों का राजनीति में दखल रहा है. इंदिरा गांधी के सलाहकार माखनलाल फोतेदार और आरके धवन रहे. वीपी सिंह के खास सलाहकार भूरे लाल नामक सीनियर आईएएस अफसर थे. चंद्रशेखर और नरसिंहराव को तांत्रिक चंद्रास्वामी की सलाह पर भरोसा था.

    देवगौड़ा के खास सलाहकार चांदमहल इब्राहिम थे.’’ पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, सिद्धू ने जो सलाहकार पाल रखे हैं उनमें से एक है मालविंदरसिंह माली, जिन्होंने पंजाब और कश्मीर मुद्दे पर भड़काने वाली बात कही. इतना ही नहीं, उन्होंने मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह पर निशाना साधते हुए इसे अलीबाबा 40 चोर की सरकार कह दिया.’’ हमने कहा, ‘‘यह माली कांग्रेस के बगीचे को संवारने की बजाय उजाड़ने का काम कर रहा है. इसे बाहर का रास्ता दिखा देना ही ठीक रहेगा.’’