केंद्रीय वित्त मंत्री का प्रॉब्लम कैसा, चुनाव लड़ने के लिए नहीं है पैसा

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पड़ोसी ने हमसे कहा, “निशानेबाज, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि वे लोकसभा चुनाव नहीं लड़ सकेंगी क्योंकि उनके पास चुनाव लड़ने के लिए पैसा नहीं है। निर्मला इतने वर्षों से देश का बजट बनाती आ रही हैं, क्या उन्होंने पहले से प्लानिंग के साथ खुद के चुनाव खर्च का बजट नहीं बनाया? प्रधानमंत्री मोदी तथा अन्य तमाम मंत्री चुनाव लड़ रहे हैं, फिर निर्मला को कौन सी कड़की आ गई?” 

हमने कहा, “बीजेपी को चुनावी बॉन्ड के जरिए सबसे अधिक चुनावी चंदा मिला है। क्या पार्टी निर्मला को चुनावी खर्च नहीं दे रही है? बड़े बिजनेस हाउसेस और कारपोरेट की रकम कहां गई? चुनावी खेल के लिए शेल कंपनियों से भी तो मोटी धनराशि मिली है। निर्मला सीतारमण चुनाव लड़ने के लिए बीजेपी अध्यक्ष से रकम मांग लें। नड्डा उन्हें ‘नो’ नहीं कहेंगे। चुनाव के समय पीछे हटना ठीक नहीं है। अर्जुन युद्ध से पीछे हट रहे थे तो भगवान कृष्ण ने गीता सुनाकर उनका मनोबल बढ़ाया था। निर्मला को मोदी और शाह कह सकते हैं कि चुनाव लड़ो, पीछे मत हटो। न दैन्यं, न पलायनं ! निर्मला की चुनावी खर्च की मुश्किल हल करने के लिए अदानी और अंबानी भी आगे आ सकते हैं। ” 

पड़ोसी ने कहा, “निशानेबाज, हमें तो लगता है कि तमिलनाडु में बीजेपी की हालत अच्छी नहीं होने से निर्मला को लगता है कि चुनाव लड़ना रिस्की है। करोड़ों रुपए खर्च हो जाएंगे और हाथ कुछ भी नहीं आएगा। जिस राज्य में मुख्य मुकाबला डीएमके और एआईएडीएमके के बीच हो, वहां बीजेपी की हालत बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना जैसी रह जाएगी। निर्मला सीतारमण ने कुछ सोचकर ही चुनाव लड़ने से मना किया है। ” 

हमने कहा, “शायद वह चाहती होंगी कि अर्थमंत्री प्रत्यक्ष लोकसभा चुनाव लड़ने की बजाय पार्टी उन्हें राज्यसभा में भेज दे। गर्मियों में गली-कूचे की खाक छानना और चुनाव प्रचार के लिए घूमना उन्हें पसंद नहीं होगा। प्रधानमंत्री मोदी यदि आगे भी निर्मला को वित्तमंत्री पद पर रखना चाहते हैं तो वो खुद ही उन्हें निर्वाचित कराने की फिक्र करेंगे। उम्मीद है कि पार्टी अपनी दोनों महिला मंत्रियों निर्मला सीतारमण और स्मृति ईरानी का पूरा ध्यान रखेगी। निर्मला को निर्मल हृदय रखकर निश्चिंत रहना चाहिए। ”