पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, क्या कोई इतना अनजान हो सकता है कि किंग खान कहलानेवाले बालीवुड के सुपरस्टार शाहरुख खान को न पहचाने? असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने अनभिज्ञता दिखाते हुए कहा कि वह शाहरुख खान कौन है? हमारे असम में बहुत से शाहरुख खान मिल जाएंगे. मुझे उनकी फिल्मों के बारे में भी मुझे जानकारी नहीं है. बाद में शाहरुक खान ने रात 2 बजे सरमा को फोन किया और कहा कि मेरा नाम है खान और मैं हूं पठान.’’
हमने कहा, ‘‘नेता को अभिनेता के संबंध में जानकारी हीनहीं जानपहचान भी रखनी चाहिए. यह सिलसिला बहुत पुराना है. प्रथम प्रधानमंत्री जवुाहरलाल नेहरू भी दिलीपकुमार को जानते थे और उन्हें यूसुफ कहते थे. नेहरी ने फिल्म ‘मिर्जा गालिब’ देखने के बाद उसकी हीरोइन सुरैया से कहा था- लड़की, तुमने फिल्म में अच्छा काम किया है. नरगिस और सुनीलदत्त को भी नेहरू जानते थे क्योंकि ये लोग चीनी हमले के बाद सीमा पर तैनात जवानों का मनोरंजन करने अपना अजंठा आर्ट ग्रुप लेकर गए थे. पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री के ‘जय जवान जय किसान’ नारे से प्रेरित होकर मनोजकुमार ने ‘उपकार’ फिल्म बनाई थी जिसे देखकर शास्त्री प्रसन्न हुए थे.’’
पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज आप बहुत पुरानी बातें बता रहे हैं. अटलबिहारी वाजपेयी जब दोस्ती का पैगाम लेकर बस से पाकिस्तान गए थे तो अपने साथ अभिनेता देव आनंद को ले गए थे. वाजपेयी की सरकार में शत्रुघ्न सिन्हा जहाजरानी मंत्री और विनोद खन्ना विदेश राज्यमंत्री थे. बीजेपी ने अभिनेत्री हेमामालिनी, सनी देओल और परेश रावल को सांसद बनाया. बीजेपी फिल्मस्टारों की कद्र करती है तो कुछ फिल्मी कलाकार भी इस पार्टी को चाहते हैं. अक्षय कुमार ने प्रधानमंत्री मोदी का इंटरव्यू लिया था जो कि किसी पत्रकार को भी इंटरव्यू नहीं देते. अनुपम खेर भी मोदी समर्थक हैं. हमें समझ में नहीं आ रहा कि हिंमत बिस्वा सरमा शाहरुख खान को क्यों नहीं जानते?’’
हमने कहा, ‘‘हिंमत जब कांग्रेस में थे तो सोनिया और राहुल को जानते थे, बीजेपी में आ गए तो मोदी-शाह को जानने लगे. उन्होंने कांग्रेस इसलिए छोड़ी थी क्योंकि उन्हें दिल्ली में 2 दिन इंतजार करने के बाद राहुल से मिलने का समय दिया गया. जब हिंमत असम की राजनीति पर बात कर रहे थे तो उनकी अनसुनी कर राहुल अपने कुत्ते को बिस्किट खिलाते रहे. इस तरह की उपेक्षा के बाद हिंमत बिस्वा सरमा ने कांग्रेस से जम्प मारकर बीजेपी में चले गए और असम के सीएम बन गए. राजनीतिक सर्कस में ऐसा ही होता है. वैसे शाहरुख ने भी अपने अभिनय की शुरुआत टीवी सीरियल ‘सर्कस’ से की थी. उन्हें हेमा मालिनी फिल्मों में ले आईं.’’