nishanebaaz-Party loyalty or compulsion, Shivraj Singh is ready to lay the door

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    पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, जैसी निष्ठा व समर्पण की भावना बीजेपी में देखी जाती है, वैसी अन्य पार्टियों में शायद ही नजर आएगी. मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की विनम्रता और सदाशयता देखिए. उन्हें पार्टी के संसदीय बोर्ड में जगह नहीं दी गई लेकिन उन्होंने इसका बुरा नहीं माना. शिवराज ने कहा कि मुझे बिल्कुल भी अहं नहीं है कि मैं ही योग्य हूं. पार्टी मुझे दरी बिछाने का काम देगी तो राष्ट्रहित में यह भी करूंगा. पार्टी कहेगी कि अपने गांव में जाकर रहो तो वहां भी रह लूंगा. राजनीति में व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा नहीं होनी चाहिए.’’

    हमने कहा, ‘‘इसे कहते हैं पार्टी अनुशासन! बीजेपी के संघ के संस्कारवाले नेताओं और कम्युनिस्टों दोनों में एक समानता होती है. ये पार्टी के आदेश को सिर-माथे पर रखते हैं और किसी अन्य पार्टी में शामिल होने की बात कभी नहीं सोचते. दरी बिछाने की तत्परता दिखाकर शिवराज सिंह ने इसी पार्टी निष्ठा को व्यक्त किया है. संसदीय बोर्ड ने हटा दिया गया लेकिन दिल का दर्द जुबान पर नहीं आया. पार्टी में रहकर ठंडा-गरम सबकुछ बर्दाश्त करते रहे तो आगे चलकर पार्टी भी कद्र करती है. आज शिवराज सिंह सीएम हैं.

    शायद आगे चलकर ऐसी निष्ठा के कारण कुछ वर्षों बाद राज्यपाल बना दिए जाएंगे. जिस दरी को बिछाने की बात आज वे कर रहे है, वह आगे चलकर उड़ता हुआ जादुई कालीन बन जाएगी. दरी एक बुनियाद है जिस पर गद्दी और फिर चादर बिछाई जाती है. शिवराज सिंह दरियादिल हैं तभी तो दरी बिछाने की बात कह रहे हैं. बीजेपी अपने नेताओं को तपा कर देखती है. जैसे मेहंदी घिस जाने के बाद रंग लाती है और सोना आग पर पिघलाने के बाद चमकता है उसी पैटर्न में बीजेपी अपने नेताओं को ढालती है. वहां किसी नेता को पार्टी करारा झटका दे तो भी वह माथे पर शिकन नहीं आने देता लेकिन अंदर से जरूर सोचता होगा- आंसू ना बहा, फरियाद न कर, दिल जलता है तो जलने दे.’’