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    पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, इतनी तेजी से महंगाई बढ़ रही है कि घर-परिवार का खर्च चलाना मुश्किल हो गया है. जरा सोचिए उन परिवारों के बारे में जिन्होंने लकड़ी, कोयला, भूसा जलाने की बजाय धुआं रहित रसोईगैस अपनाई है. गैस सिलेंडर के दाम बीजेपी के राज में 157 प्रतिशत बढ़ गए. विपक्ष ही नहीं, बल्कि बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने भी इस मुद्दे पर अपनी पार्टी को घेरा है. उन्होंने ट्वीट में लिखा- ‘चूल्हे पर लकड़ियां जल रही हैं और लाल सिलेंडर सजावट की वस्तु बना हुआ है. ये उन लाखों महिलाओं का दर्द है जिन्हें हमने धुएं से आजादी का सपना दिखाया था. इन्हीं महिलाओं ने हमारी पार्टी पर सबसे ज्यादा भरोसा जताया था.’’

    हमने कहा, ‘‘यह बात वरुण ने इसलिए महसूस की क्योंकि वह फैमिलीमैन हैं. उनके पास उनकी मां मेनका गांधी, पत्नी यामिनी और बेटी अनुसूया है. वे कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार करने वाले ऐसे नेता नहीं हैं जिनके पास सैकड़ों करोड़ रुपए की दौलत है. वरुण घर-गृहस्थी और परिवार का दर्द जानते हैं.’’

    पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, बार-बार परिवार की बात मत कीजिए. बीजेपी नेताओं से पूछिए कि किस तरह परिवारवाद ने देश को बरबाद किया है. पीएम मोदी परिवारवाद के सख्त खिलाफ हैं. उनके निशाने पर कांग्रेस का गांधी-नेहरू परिवार, सपा का यादव परिवार, लालू का राजद है. प्रकाशसिंह बादल का अकाली दल, करुणानिधि की डीएमके, चौधरी चरणसिंह का राष्ट्रीय लोकदल, शेख अब्दुल्ला की नेशनल कांफ्रेंस परिवारवाद की मिसाल हैं. बीजेपी ने महाराष्ट्र में बागी शिवसेना विधायकों की सरकार बनाकर बाल ठाकरे के परिवार को सत्ता से वंचित कर दिया. तेलंगाना के सीएम चंद्रशेखर राव के पीछे भी बीजेपी पड़ी हुई है क्योंकि वे अपने बेटे को प्रदेश का सीएम बनाकर खुद राष्ट्रीय राजनीति में जाना चाहते हैं. पवार का परिवारवाद भी बीजेपी को नापसंद है.’’

    हमने कहा, ‘‘व्यक्ति परिवार की छत्रछाया में पलता और बड़ा होता है. परिवार उसकी मदद और रक्षा करता है. परिवार का महत्व समझिए.’’ पड़ोसी ने कहा, ‘‘मोदी यही चाहते हैं कि अपने परिवार को भूल जाओ और सिर्फ संघ परिवार को सब कुछ मानो.’’