नई दिल्ली. भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा ने ओलंपिक जाने वाले खिलाड़ियों को ताजा चिंताओं से अवगत कराते हुए कहा कि उन्हें टोक्यो पहुंचने पर लंबे समय खाना और पानी के बिना आप्रवास में इंतजार करना होगा। बत्रा को भारतीय दल प्रमुख बी पी बैश्य ने शुक्रवार को दूसरे देशों के खिलाड़ियों को टोक्यो पहुंचने पर हो रही परेशानियों से अवगत कराया। उन्होंने भारतीय दल की रवानगी से पहले खेलों के आयोजकों के सामने यह मसला उठाया। बत्रा ने एक बयान में कहा ,‘‘ दल प्रमुख ने नौ जुलाई को मुझे इसकी जानकारी दी। चेक गणराज्य समेत विभिन्न देशों ने बैठक में इसी मसले को उठाया।”
उन्होंने कहा,‘‘आप्रवास की प्रक्रिया शुरू होने से पहले उन्हें चार घंटे तक इंतजार करना पड़ा। परिवहन की व्यवस्था होने तक तीन घंटे इंतजार करना पड़ा। खाने और पीने की भी सुविधा नहीं थी।” बयान में कहा गया,‘‘जर्मनी ने यह भी कहा कि वालिंटियर भी उपलब्ध नहीं है।” भारतीयों का पहला दल 17 जुलाई को टोक्यो रवाना होगा। भारत के 120 से अधिक खिलाड़ियों ने ओलंपिक के लिये क्वालीफाई कर लिया है। बत्रा ने कहा,‘‘मैं आपसे यह सब साझा कर रहा हूं ताकि आप मानसिक रूप से तैयार रहें। ये खेल अति असाधारण हालात में कराये जा रहे हैं और हमें हर हालात का मुस्कुराकर सामना करना है। जापान के साथ सहयोग करना है।”
आयोजकों ने कहा,‘‘आयोजन समिति इन मसलों पर गौर करेगी और सरकार के साथ मिलकर सुनिश्चित करेगी कि ऐसा दोबारा नहीं हो।” बैश्य ने कहा कि खिलाड़ियों को आप्रवास, जांच और अन्य मंजूरियों के लिये हवाई अड्डे पर घंटों इंतजार करना पड़ सकता है। उन्होंने पीटीआई से कहा,‘‘टोक्यो में जिन समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, हमने उनसे अवगत करा दिया है। आयोजकों ने उन्हें दूर करने का वादा किया है। लेकिन यह तो तय है कि खिलाड़ियों को टोक्यो पहुंचने पर पांच से छह घंटे इंतजार करना होगा।”
उन्होंने कहा,‘‘आगमन पर सबसे पहले कोरोना जांच होगी। इसके बाद आप्रवास और अन्य मंजूरियां लेनी होंगी। कोरोना जांच का नतीजा आने के बाद ही भारतीय दल बस में बैठ सकेगा।’ भारतीय सेलिंग टीम सबसे पहले 17 जुलाई को रवाना होगा। भारोत्तोलक मीराबाई चानू 15 या 16 जुलाई को अमेरिका से बस से पहुंचेगी। अमेरिका से आने के कारण उन्हें कोई परेशानी नहीं आयेगी। (एजेंसी)