-विनय कुमार
देश के लिए खेलना और देश के लिए टीम के साथ World Cup जीतना किसी भी खिलाड़ी के लिए गौरव की बात है। आज से 3 साल पहले ‘Blind Cricket World Cup Tournament 2018’ के खिताबी मुकाबले, यानी फ़ाइनल मैच में भारतीय ब्लाइंड क्रिकेट टीम (Blind Cricket Team India) ने पाकिस्तान को धूल चटाकर ‘The Blind Cricket World Cup’ पर अपना कब्ज़ा जमाया था। इस बड़ी जीत के लिए भारतीय टीम की भूरी-भूरी प्रशंसा हुई थी।
लेकिन, उस ऐतिहासिक मैच की टीम के एक खिलाड़ी की मौजूदा हालत जानकर आप हैरान हो जाएंगे। वर्ल्ड कप जीतने के सिर्फ 3 साल बाद उसी ऐतिहासिक टीम का एक क्रिकेटर आज दो रोटी के लिए मजदूरी करने को मजबूर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृहराज्य गुजरात के नवसारी के रहनेवाले दृष्टिहीन खिलाड़ी नरेश तुमदा (Naresh Tumda) ‘Blind Cricket World Cup Tournament 2018’ विजेता भारतीय टीम की ‘प्लेइंग इलेवन’ मेंं शामिल थे।
Gujarat: Naresh Tumda, part of team that helped India win 2018 Blind Cricket World Cup, now works as a labourer in Navsari to earn livelihood
“I earn Rs 250 a day. Requested CM thrice but didn’t get reply. I urge govt to give me job so that I can take care of my family,” he said pic.twitter.com/NK4DFO6YYC
— ANI (@ANI) August 8, 2021
खबरों के मुताबिक, आज तस्वीर ये है कि नरेश इन दिनों मजदूरों की तरह काम करके अपने परिवार के लिए दो जून की रोटी के लिए जीवन के साथ संघर्ष कर रहे हैं। नरेश तुमडा के मुताबिक, उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री से सरकारी नौकरी देने की अर्जी की, लेकिन ‘सरकार’ की कान तक जूं तक नहीं रेंगा।
नरेश ने एक न्यूज़ एजेंसी से कहा, “मैं प्रतिदिन 250 रुपये तक कमाता हूं। मैं गुजरात सरकार से गुजारिश करता हूं कि मुझे कोई सरकारी नौकरी दे, ताकि मैं अपनी जिंदगी गुजार सकूं।” ख़बर के मुताबिक, नरेश के कंधों पर अपने परिवार के 5 लोगों की जीविका का उत्तरदायित्व है और पूरे परिवार में वे इकलौते कमाने वाले व्यक्ति हैं। वे सब्जी बेचते रहे, और जो भी कमाई होती है, वो उनके परिवार का खर्च चलाने के लिए पर्याप्त नहीं हैं। यही कारण है कि उन्होंने मजदूरी करने की सोची। अब वे ईंट उठाने का काम करते हैं। 29 साल के नरेश के साथ उनके माता-पिता भी हैं।
गौरतलब है कि, इससे पहले ‘Blind Cricket World Cup Tournament 2018’ फाइनल टीम के खिलाड़ी नरेश तुमड़ा सब्जी बेचते देखे गए थे। अहमदाबाद की जमालपुर सब्जी मंडी में एक दुकान में सब्जी बेच रहे थे। उस वक्त उन्होंने कहा था, ‘‘जब भारत की सामान्य क्रिकेट टीम (Indian Cricket Team) जीत हासिल करती है, तो उन पर हर तरफ से पैसों और इनाम की बरसात होती है। हम क्या उनसे छोटे खिलाड़ी हैं ? सरकार ने वर्ल्ड कप ‘Blind Cricket World Cup Tournament 2018’ जीतने के बाद भी न ही नौकरी दी और न ही आर्थिक मदद मिली।”
गौरतलब है कि, नरेश तुमड़ा ने 5 साल की उम्र में ही क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था। खेल में काफी कुशल माने जाते थे। अपने टैलेंट और कठिन परिश्रम की बदौलत 2014 में उन्होंने गुजरात की टीम में अपनी जगह पक्की की। और कुछ समय में ही उन्हें भारत की स्पेशल टीम ब्लाइंड क्रिकेट टीम में शामिल कर लिया गया था। बहरहाल, आज का आलम दुनिया के सामने है। उम्मीद है गुजरात सरकार और खेल मंत्रालय भारत का नाम ऊंचा करने वाले इस दृष्टिहीन की मदद के लिए अपनी ‘दृष्टि’ का उपयोग करें।