बेंगलुरू: ‘आप रजत पदक हासिल नहीं करते, आप हमेशा स्वर्ण पदक गंवाते हो’ की मशहूर खेल कहावत पर विश्वास करने वाली मुंबई (Mumbai) की मजबूत टीम मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के खिलाफ बुधवार से शुरू होने वाले रणजी ट्राफी फाइनल (Ranji Trophy Final) में 42वां खिताब हासिल करने दृढ़ इरादों के साथ मैदान पर उतरेगी। यह असल में मुंबई के योद्धाओं और मध्य प्रदेश के रणबांकुरों के बीच मुकाबला है जिसमें कोई भी टीम किसी तरह की ढिलाई नहीं बरतना चाहेगी।
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मुख्य कोच चंद्रकांत पंडित ने अपनी टीम को किसी चैंपियनशिप से कम पर समझौता नहीं करना सिखाया है, लेकिन सत्र के आखिर में अमोल मजूमदार की कोचिंग में खेल रहे मुंबई के खिलाड़ियों ने अधिक दबदबे वाला प्रदर्शन किया है। कागजों पर मुंबई की टीम खिताब की प्रबल दावेदार नजर आती है। सरफराज खान ने केवल पांच मैचों में 800 से अधिक रन बनाकर अपने खेल को पूरी तरह से अलग स्तर पर पहुंचा दिया है।
यशस्वी जायसवाल ऐसे युवा खिलाड़ी हैं जो लंबी अवधि के प्रारूप को लेकर उतने ही गंभीर हैं जितना कि वह राजस्थान रॉयल्स की तरफ से आईपीएल में खेलने को लेकर हैं। क्वार्टर फाइनल और सेमीफाइनल की चार पारियों में तीन शतक से रनों के लिये उनकी भूख का पता चलता है। पृथ्वी सॉव मुंबई के ठेठ खड़ूस (जिद्दी) बल्लेबाज नहीं हैं, बल्कि किसी भी आक्रमण पर हावी होने के लिये वीरेंद्र सहवाग की तरह रणनीति अपनाने वाले बल्लेबाज हैं। इनके अलावा मुंबई के पास अरमान जाफर, सुवेद पारकर और हार्दिक तमोर हैं जो मौके का फायदा उठाना जानते हैं।
मुंबई (Mumbai) के पास हमेशा जबरदस्त बल्लेबाजी क्रम रहा है जो विपक्षी टीम को परेशान कर सकता है लेकिन इस बार उसके दो स्पिनरों बाएं हाथ के स्पिनर शम्स मुलानी (37 विकेट और 292 रन) और ऑफ स्पिनर तनुश कोटियन (18 विकेट और 236 रन) ने गेंदबाजी ही नहीं बल्लेबाजी में भी अच्छा प्रदर्शन किया है।
मध्य प्रदेश हालांकि हाल के दिनों में सबसे बेहतर टीम में से एक रही है और पंडित की देखरेख में अनुशासित प्रदर्शन से ही रणजी ट्राफी जैसे टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंच पायी है। बल्लेबाजी में वेंकटेश अय्यर और गेंदबाजी में तेज गेंदबाज आवेश खान की अनुपस्थिति में कुमार कार्तिकेय, हिमांशु मंत्री और अक्षत रघुवंशी जैसे खिलाड़ियों ने अपनी भूमिका बखूबी निभाई।
मुंबई को इनके अलावा सबसे अधिक रजत पाटीदार से सतर्क रहना होगा जो अपनी बल्लेबाजी से मैच का रुख पलटने में सक्षम हैं। मध्य प्रदेश के पास कार्तिकेय और सारांश जैन के रूप में दो अच्छे स्पिनर हैं जो मुंबई की मजबूत बल्लेबाजी के लिये परेशानी खड़ी कर सकते हैं। (एजेंसी)